उन्हें याद करना एक युग का स्मरण

नौ नवंबर 1989 को श्रीराम शिलापूजन का कार्यक्रम गुलाब सिंह के ही संयोजन में हुआ था। गुलाब बाबू का हिंदी व अंग्रेजी भषा पर समाज अधिकार था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 11:56 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 11:56 PM (IST)
उन्हें याद करना एक युग का स्मरण
उन्हें याद करना एक युग का स्मरण

अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू होने की बेला में मंदिर आंदोलन को नई ऊर्जा और नया आयाम देने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले गुलाब सिंह परिहार को याद करना एक युग का स्मरण है। नौ नवम्बर 1989 को श्रीराम शिला पूजन का कार्यक्रम गुलाब सिंह के ही संयोजन में संभव हुआ था। गुलाब बाबू का हिदी भाषा के साथ अंग्रेजी भाषा पर भी समान अधिकार था। इसलिए उन्हें लखनऊ के विहिप कार्यालय में इस आंदोलन का अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया था। उत्तर प्रदेश में श्रीराम चरण पादुका पूजन कार्यक्रम का प्रातीय संयोजक होने के नाते भी उनकी छाप अमिट है। 1990-91 के बीच इस कार्यक्रम में गुलाब सिंह परिहार की सहयोगी के रूप में साध्वी ऋतंभरा भी काम कर चुकी हैं। जब 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिरा दिया गया, और उस समय की केंद्र सरकार ने संघ और विहिप पर प्रतिबंध लगा दिया, तब गुलाब सिंह ने गुप्त रूप से संगठन और आंदोलन की दिशा-दशा तय करते रहे। गुलाब सिंह ने अपना जीवन त्याग, बलिदान, परमार्थ और मां भारती की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के प्रांतीय संयोजक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, अवध प्रांत के संगठन मंत्री व क्षेत्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। गुलाब सिंह की याद में नगर राठ में श्रीमान गुलाब सिंह परिहार सरस्वती बाल मंदिर महाविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। उनके पौत्र सोमेंद्रप्रताप सिंह के अनुसार यह विद्यालय उच्च शिक्षा के नये आयाम प्रशस्त करने के साथ पितामह की स्मृति भी अक्षुण्ण रखेगा।

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