सरयू के जल से प्यास बुझाएगी भविष्य की अयोध्या

रामनगरी की आबादी एवं श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी को देखते हुए महसूस की गई आवश्यकता.पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट.

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 07:43 AM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 07:43 AM (IST)
सरयू के जल से प्यास बुझाएगी भविष्य की अयोध्या
सरयू के जल से प्यास बुझाएगी भविष्य की अयोध्या

रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या रामनगरी से पुण्य सलिला सरयू का पौराणिक नाता है। सरयू में स्नान पर पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए लाखों की संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु रामनगरी आते हैं। सरयू का यही आध्यात्मिक रिश्ता भविष्य में पेयजल के रूप में रामनगरी की प्यास भी बुझाएगा। रामनगरी में मूलभूत सुविधाओं के चल रहे विस्तार के क्रम में यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) स्थापित करने की रूपरेखा खींची जा रही है। राममंदिर के ²ष्टिगत भविष्य में रामनगरी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी निश्चित है। होटल, धर्मशाला, यात्री निवास व अन्य प्रतिष्ठानों की संख्या के साथ अयोध्या की जनसंख्या में भी वृद्धि होगी। ऐसे में पेयजल के लिए यदि ट्यूबवेल और सबमर्सिबल पर जोर दिया गया तो भूजल दोहन बढ़ेगा। इसका दुष्परिणाम जलसंकट के रूप में भी झेलना पड़ सकता है। ऐसे संकट से बचने के लिए रामनगरी से होकर अविरल बहने वाली सरयू के जल का शुद्धिकरण कर उसे जलापूर्ति के लायक बनाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जलसंरक्षण के लिए रामनगरी के तालाब और कुंडों को संरक्षित करने पर जोर दे रहे नगर आयुक्त विशाल सिंह की ओर से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की आवश्यकता बताई गई है। जलकल व जलनिगम के अभियंताओं से विचार-विमर्श में भी डब्ल्यूटीपी को रामनगरी के लिए बेहतर पाया गया है। डब्ल्यूटीपी के लिए अभी स्थल चयन नहीं हुआ है, लेकिन जानकारों की माने तो डब्ल्यूटीपी हमेशा नदी के बहाव की दिशा में स्थापित किया जाता है। ऐसे में प्लांट गुप्तारघाट व जमथराघाट के पास स्थापित होने की संभावना है। डब्ल्यूटीपी के रखरखाव पर ट्यूबवेल से कम खर्च आता है। रामनगरी के लिए 50 एमएलडी के प्लांट को उपयुक्त माना गया है। प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा और जौनपुर में डब्ल्यूटीपी कार्य कर रहे हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि रामनगरी के समग्र विकास में पर्यावरण एवं जलसंरक्षण पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। इसी को ²ष्टिगत रखते हुए डब्ल्यूटीपी के स्थापना की योजना बनाई गई है। डब्ल्यूटीपी स्थापित होने के बाद रामनगरी को भविष्य में पानी के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। भूजल का दोहन भी नियंत्रित होगा।

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आंकड़ों में रामनगरी की जलापूर्ति व्यवस्था

-प्रतिदिन जलापूर्ति की मांग-71.99 एमएलडी

-प्रतिदिन हो रही जलापूर्ति-50.12 एमएलडी

-प्रतिदिन प्रति व्यक्ति-135 लीटर

-प्रतिदिन प्रति व्यक्ति उपलब्ध जलापूर्ति-129 लीटर

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