विकास भवन में शिक्षकों का प्रदर्शन, काउंसिलिग का बहिष्कार
अयोध्या समायोजन प्रक्रिया की काउंसिलिग को लेकर दिनभर शिक्षकों का जबर्दस्त विरोध जारी रहा। एडी बेसिक के सभागार में शिक्षकों ने हुंकार भरी और बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित काउंसिलिग में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोपों की झड़ी लगा दी। काउंसिलिग बहिष्कार का एलान कर दिया। देखते ही देखते शिक्षकों का जमावड़ा बीएसए व एडीबेसिक कार्यालय में लगा। नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया।
अयोध्या : समायोजन प्रक्रिया की काउंसिलिग को लेकर दिनभर शिक्षकों का जबर्दस्त विरोध जारी रहा। एडी बेसिक के सभागार में शिक्षकों ने हुंकार भरी और बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित काउंसिलिग में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोपों की झड़ी लगा दी। काउंसिलिग बहिष्कार का एलान कर दिया। देखते ही देखते शिक्षकों का जमावड़ा बीएसए व एडीबेसिक कार्यालय में लगा। नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया।
ढाई बजे से शुरू होने वाली काउंसिलिग पूरी तरह प्रभावित रही। बड़ी तादाद में शिक्षकों ने काउंसिलिग प्रक्रिया में न शामिल होने का फैसला कर मुख्य भवन में जमे रहना मुनासिब समझा। शिक्षक नेता विकास भवन के गेट पर खड़े दिखे। काउंसिलिग बहिष्कार का साथ मिलने से नेताओं के चेहरे पर रौनक आती दिखी। बीएसए अमिता सिंह ने शाम को बड़ी तादाद में काउंसिलिग में 50 फीसद शिक्षकों के प्रतिभाग का दावा किया। तकरीबन साढ़े तीन सौ शिक्षकों के सरप्लस होने की सूची प्रकाशित की गई थी। बीएसए ने काउंसिलिग पूरी तरह पारदर्शी बताया। काउंसिलिग कराने वालों की सूची शाम तक प्रकाशित नहीं हो सकी। प्रांतीय नेता विश्वनाथ सिंह व जिलाध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी ने दावे को हवाई बताया।
काउंसिलिग रद कराने को लेकर शिक्षकों ने सांसद लल्लू सिंह का घेराव किया। सांसद ने जिलाधिकारी अनुज कुमार झा से मोबाइल से बातचीत की और यह समझाते रहे कि शिक्षकों के साथ अन्याय न हो। विधायक रामचंद्र यादव, इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, गोरखनाथ बाबा सहित अन्य आला नेताओं से भी शिक्षकों ने संपर्क साधा। काउंसिलिग के तय समय के पूर्व शिक्षकों नेताओं ने जिलाधिकारी, सीडीओ, बीएसए के सामने बात रखी, पर एक न सुनी गई। सभी उस शासनादेश के अनुपालन की गुहार लगा रहे थे, जिसमें प्रधानाध्यापक को न हटाकर सहायक को हटाने का जिक्र है।
बीएसए अमिता सिंह सहित अन्य अधिकारी विकास भवन में काउंसिलिग के लिए जमे रहे। अपराह्न सवा तीन बजे काउंसिलिग शुरू हुआ। नाम की पुकार हुई पर मुख्यद्वार से एक भी अभ्यर्थी अंदर जाते नहीं दिखे। हालांकि उद्घोषक यह बताते रहे कि अमुक विद्यालय लॉक हो गया है। काउंसिलिग के दौरान प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी होती रही। बाकायदा एलान किया गया कि जबरन रोस्टर से सूची प्रकाशित की गई तो वे न्यायालय की शरण में जाएंगे। विरोध दर्ज कराने वालों में प्रमुख रूप से अन्य गुट के अध्यक्ष संजय सिंह, विशिष्ट बीटीसी संघ के अध्यक्ष अनिल प्रजापति, चंद्रजीत यादव, पंकज यादव, संघ के मंत्री प्रेमकुमार वर्मा, दिनेश तिवारी, संजय उपाध्याय, राजेश दुबे, वीरेंद्रप्रताप सिंह, रामकृष्ण गुप्त, जयहिद सिंह, श्रीकांत द्विवेदी डटे रहे। --------------------- बिना आपत्ति काउंसिलिग, त्रुटियां भरमार अयेाध्या : आरोप है कि जारी सरप्सल शिक्षकों की सूची बैकडेट में प्रकाशित की गई। इस पर किसी शिक्षक से आपत्ति नहीं ली गई और काउंसिलिग करा ली गई। जन्मतिथि, नियुक्ति तिथि सहित कई अन्य विसंगति है। जैसे सूची में सुभाषचंद्र पाठक प्राथमिक विद्यालय टंडौली की जन्मतिथि गलत अंकित है। इसी तरह निशा वर्मा की प्रथम नियुक्ति तिथि गलत है। प्राथमिक विद्यालय लुत्फाबाद बछौली में छात्र संख्या 90 पर सूची में ये 106 दर्ज है। पूर्व माध्यमिक नंदरौली की छात्रसंख्या 40 थी, जो 60 दिखाई गई है। तारुन के एक विद्यालय में छात्र संख्या 161 है। यहां चार कला शिक्षक सरप्लस है। इतना ही नहीं गयासपुर के सभी सहायक अध्यापकों को सरप्लस दिखाया गया है। सर्वेश कुमार मिश्र के नाम, कार्यभार की तिथि, कला की जगह विज्ञान वर्ग व छात्र संख्या गलत अंकित है।