एसएसएफ के हवाले होगी रामनगरी की सुरक्षा

राम मंदिर निर्माण के साथ सुरक्षा व्यवस्था उच्चीकृत करने की तैयारी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 10:54 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 10:54 PM (IST)
एसएसएफ के हवाले होगी रामनगरी की सुरक्षा
एसएसएफ के हवाले होगी रामनगरी की सुरक्षा

अयोध्या : पीएसी का बटालियन हेड क्वार्टर बनाने की तैयारी के बीच सरकार की मंशा राममंदिर एवं रामनगरी की सुरक्षा स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) के हवाले करने की है। हाल में ही प्रदेश सरकार ने एसएसएफ के गठन को मंजूरी दी है। माना जाता है कि एसएसएफ विशेष अधिकारों, आधुनिक तकनीक, संसाधन और हथियार से सज्जित होगी तथा इसे महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा में विशेषज्ञता हासिल होगी। एसएसएफ में विभिन्न सुरक्षा बलों के चुनिदा जवानों के साथ कम उम्र में सेवानिवृत्त लेने वाले सैनिकों को भी शामिल किया जाएगा।

सरकार की योजना रामनगरी के साथ काशी और मथुरा जैसे प्रमुख तीर्थों की सुरक्षा भी एसएसएफ के हवाले करने की है। राम मंदिर के साथ संपूर्ण राम नगरी की सुरक्षा साढ़े तीन दशक पूर्व मंदिर आंदोलन की शुरुआत के साथ सरकार की प्राथमिकताओं में रही है। 1990 में कारसेवकों को रोकने के लिए तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने अयोध्या को पुलिस एवं अर्ध सैनिक बलों की छावनी में तब्दील कर दिया था और सुरक्षा प्रबंधों के प्रति विश्वास करते हुए कहा था कि अयोध्या में परिदा भी पर नहीं मार सकता। हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री का यह कथन सच नहीं साबित हो सका और वे कारसेवकों को अयोध्या में दाखिल होने से नहीं रोक सके थे, पर तभी से रामनगरी पुलिस एवं अर्ध सैनिक बलों की स्थायी छावनी जरूर बन गयी। यह व्यवस्था तब और मुकम्मल हुई, जब ढांचा ढहाये जाने के बाद जनवरी 1993 में 67.77 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया और इस पूरे क्षेत्र को लोहे और कंटीले तारों की बाड़, बैरीकेडिग के साथ सुरक्षा के सघन घेरे में जकड़ दिया गया।

इसके बाद यदि रामनगरी आतंकियों के निशाने पर आई, तो अधिग्रहीत परिसर के साथ रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था भी निरतर चाक-चौबंद होती गयी। यह व्यवस्था इतनी व्यापक थी कि पुलिस के साथ पीएसी, सीआरपीएफ एवं आरएएफ को ड्यूटी पर लगाया जाता रहा है। अलग-अलग एजेंसियों की फोर्स होने की वजह से इनका आपसी समन्वय सदैव से सवाल रहा है और अब इसी समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एसएसएफ तैनात करने की योजना बनायी है।

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पीएसी की बजाय एसएसएफ के हेड क्वार्टर की दरकार

एसएसएफ की संभावित तैनाती के साथ रामनगरी में सीआरपीएफ या पीएसी की प्रासंगिकता पर सवाल उठने के साथ पीएसी का बटालियन हेड क्वार्टर बनाए जाने के प्रस्ताव पर भी तलवार लटकने लगी है। समीकरण साफ है। यदि रामनगरी की सुरक्षा एसएसएफ के हवाले होगी, तो यहां पीएसी के हेड क्वार्टर की क्या जरूरत है। समझा जाता है कि यहां पीएसी की बजाय एसएसएफ के बटालियन हेड क्वार्टर का निर्माण किए जाने की जरूरत कहीं अधिक होगी।

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