Shri Ram Mandir Ayodhya: ट्रस्ट कार्यालय में लगा दानपात्र, बना तीर्थ

Shri Ram Mandir Ayodhya रामजन्मभूमि की प्रामाणिकता-प्राचीनता के परिचायक हैं यह स्तंभ। राम मंदिर के सुदीर्घ इतिहास के साथ कसौटी के स्तंभों का वजूद रहा है प्रवाहमान।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 08:01 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 08:01 PM (IST)
Shri Ram Mandir Ayodhya: ट्रस्ट कार्यालय में लगा दानपात्र, बना तीर्थ
Shri Ram Mandir Ayodhya: ट्रस्ट कार्यालय में लगा दानपात्र, बना तीर्थ

अयोध्या[प्रवीण तिवारी]।  Shri Ram Mandir Ayodhya: रामलला का दर्शन पूजन करने रामनगरी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वैसे तो यहां की रज भी खास महत्व रखती है, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं, जो मठ मंदिरों के समान ही हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न होने के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कार्यालय भी भक्तजनों के लिए श्रद्धा का नया केंद्र बन गया है।

यहां नित्य रामभक्त आते हैं और माथा टेक स्वेच्छा से मंदिर निर्माण के लिए दानस्वरूप संकल्प अर्पित करते हैं। भक्तजनों को रामलला को भोग लगी मिश्री का प्रसाद दिया जाता है। नब्बे के दशक में जब राम मंदिर आंदोलन का उभार हुआ तो कारसेवकपुरम एक नए आस्था केंद्र के रूप से यहां प्रतिष्ठित हुआ। समय के साथ ही इसी परिसर में भव्य राम मंदिर का मॉडल स्थापित हुआ तो सुदूर प्रांतों से आने वाले भक्तजन बिना मंदिर के मॉडल का दर्शन किए वापस नहीं जाते। यह परंपरा इतनी प्रगाढ़ हुई कि यहां भक्तों का रेला लगने लगा।

कालांतर में मंदिर के लिए पत्थर तराशी का कार्य राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में शुरू हुआ, तब श्रद्धालुओं की रफ्तजफ्त यहां भी बढ़ती चली गई। श्रद्धालु तराशी गई शिलाओं पर माथा नवाकर राम लला के भव्य मंदिर निर्माण की कामना करते रहे। दूसरी ओर गत दिनों श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय खुला तो यह नया श्रद्धा का केंद्र बन गया। भूमि पूजन के पहले से ही मंदिर निर्माण के लिए देशभर से यहां पहुंची चांदी, मिट्टी व जल एकत्र कर यहीं संचित की गई है। साथ ही साथ मंदिर निर्माण के लिए धनराशि इसी कार्यालय के नाम से आती है। इन दिनों जो भी रामभक्त रामलला का दर्शन कर परिसर से बाहर निकलते हैं, बिना यहां माथा टेकते आगे नहीं बढ़ते। 

दानपात्र में डाली जाती पांच सौ से कम धनराशि अयोध्या

ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्त बताते हैं कि इस कार्यालय में रोज रामभक्त आते हैं। मनीआर्डर के अतिरिक्त डाक से चेक लोग भेज रहे है लेकिन यहां आकर पांच सौ से कम धनराशि दान करने वालों को दान पात्र में राशि डालने को कहा जाता है। उन्होंने बताया कि दान देने वाले को प्रसाद दिया जाता है। साथ ही डाक से भी प्रसाद भेजा जाता है।

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