संघ परिवार को लुभा रही रामनगरी
गत वर्ष पांच अगस्त को भूमि पूजन के बाद से ही रामनगरी की ओर उन्मुख है संघ नेतृत्व. साढ़े तीन दशक पूर्व मंदिर आंदोलन की शुरुआत से ही रामनगरी के प्रति परिभाषित होने लगा था संघ का सरोकार.
अयोध्या : पूरी व्यापकता से संवर रही रामनगरी निकट भविष्य में दुनिया भर के पर्यटकों को लुभाएगी, पर संघ परिवारी गत वर्ष पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के बाद से अयोध्या के आकर्षण में बंधते जा रहे हैं। भूमि पूजन के मौके पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सर संघ चालक मोहन भागवत सहित संघ परिवार के कई अन्य दिग्गज मौजूद रहे। ..तो इसके बाद रामनगरी की ओर रुख करना संघ परिवारियों का नियमित क्रम बन गया। संघ के सर कार्यवाह सुरेश जोशी 'भैयाजी' इस अवधि में इसी सप्ताह दूसरी बार रामनगरी से होकर लौटे हैं। उनके साथ सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल सहित संघ के कई अन्य शीर्ष प्रचारक रामनगरी की यात्रा पर थे। संघ परिवार के एजेंडे से अनुप्राणित कई केंद्रीय मंत्री, विभिन्न प्रांतों के मंत्री, भाजपा के सांसद-विधायक भी प्राय: रामनगरी पहुंच कर रामलला के सम्मुख श्रद्धावनत होते रहे हैं। यह क्रम गुरुवार को भी परवान चढ़ा, जब बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक एवं भाजपा के महाराष्ट्र प्रभारी जयभान सिंह पवैया रामनगरी पहुंचे। उन्होंने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास से आशीर्वाद लेने के साथ रामलला का दर्शन भी किया। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार इसके पीछे श्रीराम और रामनगरी के प्रति अनन्य अनुराग है। वे याद दिलाते हैं कि साढ़े तीन दशक पूर्व मंदिर आंदोलन के लिए आगे तो विहिप आई, पर इसके पीछे संघ परिवार का समंवित सहयोग था और आज राम मंदिर के साथ रामनगरी के नवनिर्माण की बेला में संघ नेतृत्व कहीं अधिक जिम्मेदारी के साथ सक्रिय है। शर्मा के मुताबिक आज रामनगरी को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने के लिए सरकार जो भी कुछ कर रही है, उसमें संघ नेतृत्व का सुझाव और संघ परिवार के सभी घटकों का समंवित सहयोग शामिल है।