मांगों को लेकर रोडवेज कर्मियों ने दिया धरना, किया प्रदर्शन

अयोध्या परिवहन निगम को उप्र राजकीय रोडवेज में पुनर्गठित करने सहित पांच सूत्रीय मांगों

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 12:26 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 12:26 AM (IST)
मांगों को लेकर रोडवेज कर्मियों ने दिया धरना, किया प्रदर्शन
मांगों को लेकर रोडवेज कर्मियों ने दिया धरना, किया प्रदर्शन

अयोध्या : परिवहन निगम को उप्र राजकीय रोडवेज में पुनर्गठित करने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अयोध्या डिपो परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय प्रबंधक एसपी सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।

परिषद पदाधिकारियों ने जुलाई 2018 से बकाया महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग की। कहा, प्रदेश से बाहर तैनात कर्मियों को मकान किराया भत्ता दिया जाए और वेतनमान के बकाया एरियर का भुगतान कार्ययोजना बना कर किया जाए। सभी श्रेणी के संविदा चालकों-परिचालकों व आउटसोर्स कर्मियों के पारिश्रमिक में बाजार महंगाई की वृद्धि की जाए। कार्यशालाओं के कर्मियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत भुगतान किया जाए, संविदा चालक परिचालकों का नियमितीकरण, वेतन विसंगतियों का समाधान, अनुबंधित बसों के संचालन में अनियमितताओं पर रोक लगाए जाने की मांग की गई।

धरने में क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, प्रांतीय उप महामंत्री शेषनाथ मिश्र, क्षेत्रीय मंत्री डीपी सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह, रजनीकांत मिश्र, वीएन जायसवाल, मिश्रीलाल, डीएन तिवारी, डीएन सिंह सहित रोडवेज कर्मी शामिल रहे। जाओ, पहले डीएम से अनुमति लाओ, तब देना धरना अयोध्या : विनियमितीकरण की मांग को लेकर 49 दिनों से शांतिपूर्वक धरना दे रहे दैनिक वेतनभोगी वन कर्मियों को पुलिस ने घुड़की देकर हटा दिया। मंगलवार को धरना स्थल पर पहुंची कैंट पुलिस ने धरना दे रहे कर्मियों से कहा, जाओ पहले डीएम से अनुमति लेकर आओ, तब धरना देना। पुलिस ने धरना दे रहे कर्मियों को एक न सुनी और वहां से भगा दिया।

बमुश्किल पांच हजार रुपये प्रतिमाह पाने वाले वन विभाग के लगभग 70-80 दैनिक वेतनभोगी कर्मियों में लगभग दो दर्जन ऐसे हैं, जिन्हें पिछले तीन महीने से एक रुपया भी नहीं नसीब हुआ। दैनिक वन कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय ने बताया, हम लोगों का शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। विभाग ने अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए पुलिस की मदद से यह घृणित कार्य किया है। धरने की सूचना 10 अक्टूबर से आठ दिन पहले ही जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को दी गई थी। कहा, विभाग में गांव के लोगों के नाम फर्जी तरीके से भुगतान किया और करोड़ों रुपये के सार्वजनिक धन की बंदरबांट कर ली गई।

जिलाध्यक्ष ने समस्त क्षेत्रीय वनाधिकारी, सेवा निवृत्त कर्मियों व उनके चहेतों के नाम किए गए भुगतान की जांच कराने, वर्ष 2001 के बाद विनियमित किए कर्मियों की जांच कराने की मांग की है। पूर्व जिलाध्यक्ष समेत मंत्री संतराम प्रजापति, रामशंकर यादव, सतीस, जगदंबा, ओमप्रकाश, शिवनाथ आदि कर्मी धरना दे रहे थे।

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