रेगुलेटर लाने पर मिलेगा मेडिकल कालेज में बेड

सरकारी चिकित्सालयों में कोरोना से निपटने के इलाज के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 10:53 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 10:53 PM (IST)
रेगुलेटर लाने पर मिलेगा मेडिकल कालेज में बेड
रेगुलेटर लाने पर मिलेगा मेडिकल कालेज में बेड

अयोध्या : सरकारी चिकित्सालयों में कोरोना से निपटने के इलाज के बार में चाहे जो सरकारी दावे किए जा रहे हों पर जमीनी सच्चाई सरकारी दावों से जुदा है। सरकारी दावों को परखने के लिए राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार के दो घटनाक्रम ही काफी है। एक पशु चिकित्सक आरके प्रजापति का मेडिकल कॉलेज में भर्ती से जुड़ा है तो दूसरा कोविड पॉजिटिव सहायक शासकीय अधिवक्ता परवेज कुद्दूसी के निधन के बाद शव कब्रिस्तान पहुंचाने के वाहन का। ये दोनों घटनाक्रम सरकारी दावों के इंतजामों पर सवाल उठाने के लिए काफी है।

भाईपुर पशु चिकित्सा केंद्र में तैनात डॉ. आरके प्रजापति का आक्सीजन लेवल घटने पर उन्हें सुबह लगभग नौ बजे तीमारदार मेडिकल कॉलेज भर्ती कराने पहुंचे। साथ में पशु चिकित्सा केंद्र गोसाईंगंज के चिकित्सक डॉ. अजय कुमार भी रहे। लगभग चार घंटे चले घटनाक्रम के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने की राह आसान न देख मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डॉ. अनिल कुशवाहा ने जिलाधिकारी आवास से भर्ती कराए जाने की मदद मांगी। जिलाधिकारी आवास के हस्तक्षेप के बाद डॉ. प्रजापति को दोपहर लगभग एक बजे भर्ती होने के बाद डॉ. प्रजापति को बेड व आक्सीजन मिल सका। इससे पहले भर्ती के लिए आक्सीजन सिलिंडर का रेगुलेटर लाने को उनके तीमारदारों को बताया गया। साथ ही रेगुलेटर मिलने वाली जिला चिकित्सालय के सामने की दुकान का पता भी। हालांकि डॉ. प्रजापति के परिवार ने भर्ती होने के समय तक रेगुलेटर का इंतजाम भी कर लिया था। सीवीओ ने बताया कि इलाज मिलने के बाद उनके आक्सीजन लेवल में सुधार है।

वहीं चार दिन से मेडिकल कॉलेज में संघर्ष कर रहे कोविड पॉजिटिव सहायक शासकीय अधिवक्ता परवेज कुद्दूसी का दोपहर में निधन हो गया। भाई का शव ले जाने के लिए छोटे भाई नुसरत के सामने कोरोना प्रोटोकॉल की गाइडलाइन आड़े आई तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन से वाहन की व्यवस्था का अनुरोध किया। नुसरत ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने शव के लिए वाहन की व्यवस्था से इन्कार कर दिया। कोविड प्रोटोकॉल की इतनी बंदिशें है कि उनके भाई नुसरत को शव कब्रिस्तान तक पहुंचाने के लिए निजी एंबुलेंस को पांच हजार रुपये देने पड़े। मेडिकल कॉलेज से हसनूकटरा स्थित कब्रिस्तान की दूरी बमुश्किल 10 किमी है। परवेज कुद्दूसी सेवानिवृत्त जस्टिस आइएम कूद्दूसी के छोटे भाई हैं। उनके अनुसार चार दिन पहले जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के हस्तक्षेप के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।

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