राम मंदिर एकता एवं सद्भाव का बनेगा केंद्र : मिश्र

राजस्थान के राज्यपाल ने किया रामलला का दर्शन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 12:36 AM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 12:36 AM (IST)
राम मंदिर एकता एवं सद्भाव का बनेगा केंद्र : मिश्र
राम मंदिर एकता एवं सद्भाव का बनेगा केंद्र : मिश्र

अयोध्या : राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र जन्माष्टमी की पवित्र बेला में रामनगरी पहुंचे। अपने स्थानीय सहयोगी एवं उत्तर प्रदेश ग्राम्य विकास बैंक के पूर्व निदेशक निशेंद्र मोहन मिश्र गुड्डू के साथ पुण्य सलिला सरयू की आरती की। राजस्थान के राज्यपाल ने सरयू आरती के बाद हनुमानगढ़ी एवं रामजन्मभूमि पहुंच दर्शन-पूजन किया। रामजन्मभूमि परिसर में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय एवं सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने राज्यपाल का स्वागत किया। रामलला के दर्शन के से पूर्व राजस्थान के राज्यपाल ने कहा कि पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या के लिए स्वर्ण युग आया है। रामलला का मंदिर सांस्कृतिक एकता एवं सद्भाव का केंद्र बिदु होगा। उनके साथ उनकी पत्नी सत्यवती मिश्रा ने भी रामलला का दर्शन किया। कलराज मिश्र का रामनगरी से गहरा सरोकार रहा है। मंदिर आंदोलन के उभार के दिनों में वे कल्याण सिंह जैसे दिग्गज के नायब के रूप में रामनगरी के संपर्क में आए। 1991 में भाजपा की सरकार बनी तो व प्रदेश सरकार के मंत्री के रूप में अयोध्या की चिता करने वालों में अग्रणी थे। अयोध्या को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में कोशिश करने वाले शुरुआती लोगों में भी उनकी गणना होती है। 1996 में उन्हें दोबारा प्रदेश सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला और पर्यटन मंत्री के तौर पर उन्होंने रामनगरी के अनेक कुंडों और कई प्राचीन स्थलों का पर्यटन विकास कराया। वे समय-समय पर अयोध्या आते रहे और रामलला के प्रति आस्था ज्ञापित करने के साथ अयोध्या की चिता करते रहे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में दो दशक पूर्व पारी की शुरुआत मिश्र ने रामलला के दर्शन के बाद की थी। 2014 में केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी वे अयोध्या आना और रामलला का दर्शन करना नहीं भूले। निशेंद्रमोहन मिश्र ने पूरी कृतज्ञता के साथ मिश्र को विदा किया और जागरण से कहा कि रामनगरी से उनका लगाव अमिट है।

--इनसेट-

परिवार के सदस्य पहुंचे रामभवन

- राजस्थान के राज्यपाल अपने पुराने परिचित एवं वरिष्ठ भाजपा नेता शक्ति सिंह के पिता गुरुबसंत सिंह से मिलने के लिए आतुर दिखे। हालांकि वे प्रोटोकॉल से जुड़े ताम-झाम के चलते स्वयं नहीं जा सके, पर उनकी पत्नी सत्यवती मिश्रा, बेटे-बहू तथा भतीजे ने सिविल लाइंस स्थित रामभवन पहुंच गुरुबसंत सिंह और उनकी पत्नी का हाल-चाल लिया एवं आत्मीयता अर्पित की।

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