रामलला को टेंट में देख भावुक हुए पर्यटक
फैजाबाद : अयोध्या के अध्यात्मिक तेज को रामनगरी से आए पर्यटकों ने काफी करीब से महसूस किय
फैजाबाद : अयोध्या के अध्यात्मिक तेज को रामनगरी से आए पर्यटकों ने काफी करीब से महसूस किया। गुरुवार को रामायण एक्सप्रेस से पहुंचे 800 पर्यटक शुक्रवार को राम की जन्मस्थली का साक्षात करने के बाद पर्यटक जय श्रीराम के उद्घोष करते हुए ट्रेन से मां सीता की उत्सर्ग स्थली सीतामढ़ी की ओर रवाना हो गए। यूं तो अयोध्या आए पर्यटकों को काफी सुखद अनुभूति हुई, लेकिन उनके मन को कचोटने वाला एहसास रामलला को टेंट में देखने वाला रहा। अपने जिस आराध्य के दीदार के लिए वे मीलों लंबा सफर तय करके अयोध्या पहुंचे, उन्हें टेंट में करीब से देखकर भावुक नजर आए। मऊ से आए अशोक त्रिपाठी पहली बार अयोध्या आए थे। कहते हैं समाचार पत्र व चैनलों में ही अयोध्या के बारे में सुना और देखा था। आज अयोध्या पहुंच जीवन धन्य हुआ, अयोध्या बहुत प्यारी नगरी है। इसे लेकर सियासत नहीं होनी चाहिए। अयोध्या को राम और विकास की जरूरत है। टेंट में विराजमान रामलला को देख आंखे भर आईं। देवरिया निवासी डॉ. अवधेश त्रिपाठी पहली बार अयोध्या आए थे। उन्होंने कहाकि यहां आकर काफी अच्छा लगा, लेकिन रामलला की दशा मन काफी व्यथित है। देवरिया से आए अमरेशनंदन राय ने अयोध्या में सरयू स्नान, पूजन, दर्शन किया। राय कहते हैं यात्रा काफी रोचक रही। रामनगरी के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए। अयोध्या को विकासित किया जाए ताकि पर्यटन बढ़ सके। सियापति देवी कहती हैं कि अयोध्या दर्शन की इच्छा काफी लंबे समय से थी। भगवान राम की ये नगरी सच में बहुत अच्छी है। यहां के मंदिरों में साक्षात देवों की मौजूदगी का एहसास होता है। इलाहाबाद के राम¨सह और सरिता देवी अयोध्या में राममंदिर निर्माण के साथ ही विकास पर जोर देते हैं। राम¨सह का कहना है दर्शन मार्ग को जाने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाई जाए। अधिग्रहीत परिसर की ओर जाने वाले मार्ग का चौड़ीकरण किया जाए तो काफी अच्छा होगा। अयोध्या में मार्गों की हालत सुधारने की बहुत जरूरत है।