दीपोत्सव की तैयारियों से रोशन होने लगी रामनगरी

रामनगरी दीपोत्सव की तैयारियों से रोशन होने लगी है। जिस साकेत महाविद्यालय से तीन नवंबर को त्रेताकालीन प्रसंगों को जीवंत करती झांकियां निकलेंगी वहां झांकियों की तैयारी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:35 PM (IST)
दीपोत्सव की तैयारियों से रोशन होने लगी रामनगरी
दीपोत्सव की तैयारियों से रोशन होने लगी रामनगरी

अयोध्या : रामनगरी दीपोत्सव की तैयारियों से रोशन होने लगी है। जिस साकेत महाविद्यालय से तीन नवंबर को त्रेताकालीन प्रसंगों को जीवंत करती झांकियां निकलेंगी, वहां झांकियों की तैयारी शुरू हो गई है। मिनी ट्रक के आकार वाले एक दर्जन वाहनों पर प्रसंग के अनुरूप शनिवार से झांकियों की साज-सज्जा शुरू हुई। रामकथा पार्क को भी रोशन करने के प्रयासों को अंतिम स्पर्श मिल रहा है। दीपोत्सव को लेकर साफ-सफाई के साथ किचित भी टूट-फूट स्वीकार्य नहीं है और उसकी मरम्मत में सरकारी अमला युद्ध स्तर पर सक्रिय नजर आता है। रामकथापार्क में राम राज्याभिषेक के मंचन एवं हाई प्रोफाइल अतिथियों तथा मेजबानों का भाषण भी होना है। दीपोत्सव के केंद्र में रहने वाली रामकी पैड़ी को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। पैड़ी परिसर के अलावा किनारों के भवनों को भी चमकाया जा रहा है। यह अभियान अंतिम दौर में है और तैयारियों के साथ लुभावन साबित हो रही रामनगरी दीपोत्सव निकट आने के साथ नित्य नूतन कलेवर हासिल करती जा रही है।

दीपोत्सव के लिए रामकी पैड़ी के घाटों पर नाप जोख शुरू

अयोध्या: पांचवें दिव्य दीपोत्सव को भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई। शनिवार की शाम को घाटों पर दीप रखने के लए िनाप जोख की गयी। दीपों को रखने के लिए डिजाइन बनाने का पर होमवर्क हुआ। कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने इस कार्य का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने इसमें लगे स्वयंसेवकों व शिक्षकों का उत्साह बढ़ाया। कहा कि इस बार भी अवध विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक और रिकार्ड दर्ज होगा।

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि अयोध्या में राम की पैड़ी के 32 घाटों पर स्केचिग के लिए स्थलों का चुनाव किया गया, इनकी नापजोख शुरू हो गई। बताया, पर्यटन विभाग एवं अवध विश्वविद्यालय सहित अन्य संगठनों के सहयोग से तीन नवंबर को होने वाले दीपोत्त्सव के तीन दिन पहले तक घाटों पर स्केचिग का कार्य होता रहेगा। इसमें रामायण कालीन प्रसंग उकेर कर इसमें नौ लाख दीप सजाए जाएंगे। सात लाख 51 हजार जलते दीपों के रिकार्ड का लक्ष्य है। 12 हजार वालंटियर तैयार करने को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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