मंदिर के लिए टूटते धैर्य की कसौटी बनी रामनगरी

रघुवरशरण, अयोध्या : रामनगरी उन ताकतों की कसौटी पर है, मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा में

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 11:31 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 11:31 PM (IST)
मंदिर के लिए टूटते धैर्य की कसौटी बनी रामनगरी
मंदिर के लिए टूटते धैर्य की कसौटी बनी रामनगरी

रघुवरशरण, अयोध्या : रामनगरी उन ताकतों की कसौटी पर है, मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा में जिनका धैर्य टूट रहा है। उनकी बेकरारी प्रस्तावित कार्यक्रमों से बयां हो रही है। मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को रामनगरी पहुंच रहे हैं। पहले वे सभा करना चाहते थे। समझा जाता है कि विहिप की प्रस्तावित धर्मसभा के दबाव में उन्होंने अपना आगमन एक दिन पूर्व निर्धारित किया और सभा का विचार भी त्याग दिया। इसके बावजूद शिवसेना प्रमुख के सहयोगियों ने संत पूजन के रूप में जो कार्यक्रम तय किया, उससे भी राममंदिर और मंदिर के प्रतिनिधि माने जाने वालों के प्रति शिवसेना प्रमुख का अनुराग परिलक्षित होगा। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार शिवसेना की ओर से भले ही यह कहा जा रहा हो कि अयोध्या में मंदिर समर्थकों की बड़ी भीड़ जुटाने का उसका इरादा बदल गया है पर हकीकत यह है कि पार्टी प्रमुख के आगमन पर शिवसेना अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं रखना चाहती और भाजपा को यह संदेश देना चाहती है कि उससे रिश्तों की अनदेखी महाराष्ट्र ही नहीं महाराष्ट्र के बाहर भी भारी पड़ सकती है।

गत दिनों पार्टी प्रमुख के आगमन को कामयाब बनाने के लिए रामनगरी के दौरे पर आए महाराष्ट्र के सार्वजनिक उपक्रम मंत्री एकनाथ ¨शदे भी स्पष्ट कर चुके हैं कि शिवसेना ने पूर्व में महाराष्ट्र के बाहर विस्तार का इरादा त्याग दिया था पर आज की परिस्थितियों में शिवसेना महाराष्ट्र के बाहर, विशेष रूप से उत्तर भारत में पैठ बढ़ाने की तैयारी में है। शिवसेना के एलान के साथ ही यह प्रतीत होने लगा था कि विहिप अपने मैदान में शिवसेना को वाकओवर नहीं देना चाहेगी और दो सप्ताह पूर्व विहिप ने ऐन उसी दिन धर्मसभा करने का एलान किया, जिस दिन उद्धव की सभा प्रस्तावित थी। दो सप्ताह की कोशिश के बीच धर्मसभा की तैयारी शबाब पर है और विहिप-भाजपा अपने गढ़ में बड़ी आसानी से शिवसेना पर बढ़त बनाती दिख रही है। विहिप को असली परीक्षा 25 नवंबर को देनी होगी, जब उसे एलान के मुताबिक धर्मसभा में एक लाख से अधिक मंदिर समर्थकों को जुटाना होगा।

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