उच्च शिक्षा के लिए भी उपयोगी साबित हो रही ऑनलाइन पद्धति

उच्च शिक्षा व प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन एजूकेशन अहम प्लेटफार्म है। विश्वविद्यालयीय छात्र-छात्राओं को पूरे लॉकडाउन भर ई-प्लेटफार्म पर ही शिक्षा दी गई। नियमित कक्ष संचालन से विद्यार्थियों में जोश रहा। नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने बहुत परिश्रम किया.

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 11:37 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 11:37 PM (IST)
उच्च शिक्षा के लिए भी उपयोगी साबित हो रही ऑनलाइन पद्धति
उच्च शिक्षा के लिए भी उपयोगी साबित हो रही ऑनलाइन पद्धति

अयोध्या: उच्च शिक्षा व प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन एजूकेशन अहम प्लेटफार्म है। विश्वविद्यालयीय छात्र-छात्राओं को पूरे लॉकडाउन भर ई-प्लेटफार्म पर ही शिक्षा दी गई। नियमित कक्ष संचालन से विद्यार्थियों में जोश रहा। नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने बहुत परिश्रम किया। बच्चों को जोड़ा फिर वाट्सएप ग्रुप पर मैटीरियल भेजा और ई-क्लास संचालित की। समय से परीक्षा कराई गई और रिजल्ट भी घोषित किया। इसी का नतीजा रहा कि ऑनलाइन प्लेसमेंट के दौरान कई को कोरोना के दौर में नौकरी मिल गई। यह सब इसी प्रणाली से संभव हुआ। अन्यथा परिसर बंद रहते और बच्चे घरों में कैद। सरकारों ने प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन शुरू किया है। बच्चों ने कोचिग व अन्य संस्थानों से ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई की। ई एजूकेशन के लिए छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल तथा समझ जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्र में भी बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। नेटवर्क की समस्या जरूर है। इसमें समय व स्थान की बाध्यता नहीं है, ये सबसे बड़ी सुविधा है। कोई छात्र कहीं पर रह कर शिक्षा हासिल कर सकता है। क्लास छूट जाए तो यू- टयूब वरदान की तरह है, जहां से पढ़ाई की जा सकती है। ऑनलाइन शिक्षा में शिक्षक व बच्चे आमने- सामने नहीं हो पाते, यह बड़ी समस्या है।

डॉ.बिजेंद्र सिंह, कुलपति- आचार्य नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या।

-------- अयोध्या: ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई न होती तो हम सब के लिए और भी संकट रहता। इस विकल्प ने शिक्षण कार्य को जीवंत रखा। हम सब निरंतर अध्ययन कर रहे हैं। मेरे जैसे प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए तो ऑनलाइन पढ़ाई संजीवनी है। इसी से पढ़ कर ही परीक्षा दे रहे हैं। अभिभावकों ने खूब सहयोग दिया है।

अभिषेक उपाध्याय, प्रतियोगी छात्र- उसरू फैजाबाद।

------------ अयोध्या: विद्यालयों में कक्षाओं का संचालन शुरू हो गया, लेकिन अभी भी ई- एजूकेशन ही सहारा है। ऑनलाइन तरीके से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, लेकिन नेटवर्क की समस्या कभी-कभी बाधक बन जाती है। इसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और इसमें सफल हुए हैं। इस माध्यम ने ही बच्चों को एजूकेशन से जोड़े रखा है।

रागिनी राजपाल, खिड़की अलीबेग फैजाबाद।

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