कृषि विवि के पांच विद्यार्थियों को मिली नौकरी

आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल की ओर से छात्र-छात्राओं के लिए साक्षात्कार आयोजित किया गया। इस दौरान एक निजी कंपनी ने विद्यार्थियों का साक्षात्कार लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 11:39 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 11:39 PM (IST)
कृषि विवि के पांच विद्यार्थियों को मिली नौकरी
कृषि विवि के पांच विद्यार्थियों को मिली नौकरी

अयोध्या: आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट सेल की ओर से छात्र-छात्राओं के लिए साक्षात्कार आयोजित किया गया। इस दौरान एक निजी कंपनी ने विद्यार्थियों का साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार में बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी हॉर्टीकल्चर, एमएससी एग्रीकल्चर एवं एमएससी हॉर्टीकल्चर के 12 छात्रों ने प्रतिभाग किया। प्लेसमेंट सेल के निदेशक डॉ. डी नियोगी ने बताया कि साक्षात्कार के माध्यम से अलग- अलग क्लास के मोहम्मद वाहिद, दीपक कुमार, रामप्रताप पाल, आशीष कुमार वर्मा और हिमांशु सिंह का चयन हुआ। इन सभी को कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने चयनित होने पर बधाई दी। साथ ही अन्य प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। छात्रों को बधाई देने वालों में सहनिदेशक डॉ. यशमिता नितिन एवं कोऑर्डिनेटर सेल के समन्वयक डॉ. सत्यव्रत सिंह रहे। मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि इसका श्रेय कुलपति के कुशल नेतृत्व को है।

इस मौके पर डॉ. सत्यव्रत सिंह, निजी कंपनी के एरिया बिजनेस मैनेजर आशीष रावत रहे।

150 युवाओं को दिया जाएगा कृत्रिम गर्भाधान की तकनीक का प्रशिक्षण

अयोध्या: आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से कृत्रिम गर्भाधान तकनीक मैत्री का 30 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग शुरू हुआ। इसमें कुल 150 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले बैच में 25 का प्रशिक्षण शुरू हो गया। पांच दिन बाद दूसरा बैच शुरू होगा।

इस वर्ग की शुरुआत महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने की। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि आज भारतवर्ष आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। यहां पशुओं की बढ़ती संख्या के अनुसार पशु चिकित्सकों व विशेषज्ञों की संख्या बहुत ही कम है। इस वजह से इस तरह की योजनाएं सरकार ने संचालित कीं। कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद विशेषज्ञों की संख्या बढ़ जाएगी। साथ ही पशुओं के लिए चिकित्सा सुलभ होगी। युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।

परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देने लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत मैत्री योजना शुरू की है। इसमें दसवीं विज्ञान वर्ग से पास आवेदकों को कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण देने की योजना है। यह कार्य देशभर में चल रहा है। नरेंद्रदेव कृषि विवि को इसके लिए चुना गया है। प्रशिक्षण के बाद सभी को कृत्रिम गर्भाधान किट एवं कंटेनर दिया जाएगा। इसके बाद ये सभी स्वतंत्र रूप से कृत्रिम गर्भाधान का कार्य कर सकेंगे।

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