बिना स्थलीय निरीक्षण जल व गृह कर की बिलिग हुई तो खैर नहीं
भवनों के जल कर व गृह कर निर्धारण में नगर निगम की ओर से बरती जा रही मनमानी से लोग परेशान हैं। इसे संज्ञान में लेते हुए महापौर रिषिकेश उपाध्याय ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ किया कि गृह कर व जलकर का बिल बिना स्थलीय निरीक्षण के कतई न निर्गत किया जाए।
अयोध्या: भवनों के जल कर व गृह कर निर्धारण में नगर निगम की ओर से बरती जा रही मनमानी से लोग परेशान हैं। इसे संज्ञान में लेते हुए महापौर रिषिकेश उपाध्याय ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ किया कि गृह कर व जलकर का बिल बिना स्थलीय निरीक्षण के कतई न निर्गत किया जाए। यदि ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी पर कार्यवाही की जाएगी। वे गुरुवार को निगम कार्यालय में जनता दर्शन कार्यक्रम में शिकायतें सुन रहे थे। वे बार-बार बिलों में संशोधन की शैली से नाराज हैं। कहा एक बार भवन के क्षेत्रफल को देख कर ही बिल जारी किया जाए। कर मूल्य से भी भवन स्वामियों को अवगत करा दिया जाए। महापौर ने बताया कि बिल के अनुरूप में यदि मकान का क्षेत्रफल नहीं पाया गया तो कार्रवाई तय है। जनसुनवाई के दौरान जलकर और गृहकर से संबंधित कई शिकायतें मिली। कई मामलों में भवन क्षेत्रफल की वास्तविकता से अत्यधिक बिल भेजा गया था। महापौर ने जनसामान्य का जलकर और गृहकर जमा करने के लिए आह्वान किया। कहा यदि बिलों में घर के क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल लिखा गया हो तो मामले की शिकायत करें। संबंधित पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। शहर की रंजना ने नाली निर्माण, सुरेश श्रीवास्तव ने मछली मंडी में नाली निर्माण, विनय जायसवाल ने जल कनेक्शन, अधिवक्ता हिमांशु त्रिपाठी, शेर अफगान सहित कई लोगों ने जलकर व गृहकर के मामले की शिकायत की।
इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी रामकिशोर यादव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नीलेश रमन, गोविद सुंदरम, पार्षद रमेश दास, अनिल सिंह, चंदन सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।