बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष मिला बंद तो स्ट्रेचर के लिए परेशान रहे तीमारदार

मास्क पहनने के बाद भी इएनटी चिकित्सक ने मरीज का इलाज करने से किया इन्कार.

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:35 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:35 PM (IST)
बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष मिला बंद तो स्ट्रेचर के लिए परेशान रहे तीमारदार
बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष मिला बंद तो स्ट्रेचर के लिए परेशान रहे तीमारदार

प्रमोद दुबे, अयोध्या

²श्य एक- दोपहर 12 बजकर पांच मिनट पर बाल रोग विशेषज्ञ का कक्ष बंद मिला। कक्ष के सामने दो वर्ष के बेटे का इलाज कराने के लिए बैठी पिपरी जलालपुर की पूनम निषाद ने बताया कि एक घंटे बाद पता चला कि चिकित्सक छुट्टी पर हैं, इलाज कराने के लिए फिजीशियन के पास जाना होगा।

²श्य दो- वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. सत्येंद्र सिंह का स्थानांतरण श्रीराम चिकित्सालय होने के बाद से कक्ष का ताला तो प्रतिदिन खुलता है पर किसी भी चिकित्सक के न बैठने से मरीजों को बैरंग वापस होना पड़ रहा है। दोपहर 12 बज कर सात मिनट पर कक्ष के बाहर सोहावल से आए अनूप श्रीवास्तव चिकित्सक का इंतजार करते मिले।

²श्य तीन- दोपहर 12 बजकर नौ मिनट पर फिजीशियन डॉ. रामकिशोर के कक्ष के सामने मरीजों की भीड़ लगी रही तो एक्सरे व अल्ट्रासाउंड कक्ष के सामने मरीज व तीमारदार एक दूसरे को धक्का देकर आगे जाने का प्रयास करने करते नजर आए।

²श्य चार- दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर इमरजेंसी वार्ड के सामने हैदरगंज के रामबाग गांव से पिकप से पहुंची वृद्ध महिला प्रभावती को ले जाने के लिए स्वजनों को करीब आधे घंटे तक स्ट्रेचर का इंतजार करना पड़ा। स्वजन स्ट्रेचर के लिए परेशान रहे।

²श्य पांच- मास्क के ऊपर नकाब बांधने के बाद भी घोसियाना से पहुंची सानिया का इएनटी चिकित्सक ने इलाज करने के मना कर दिया। दोपहर 12 बजकर 37 मिनट पर तीमारदार के मास्क नहीं पहनने से उन्होंने मरीज का इलाज करने से मना कर दिया, जबकि तीमारदार ने भी नकाब बांध रखा था।

²श्य छह- दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सर्जन का कक्ष तो खुला रहा पर चिकित्सक की कुर्सी खाली मिली। दरवाजे पर चिकित्सक की ड्यूटी इमरजेंसी में होने की सूचना चस्पा कर दी गई।

जिला चिकित्सालय में मरीजों को इलाज की सुविधा कैसे मिल रही है, इसकी तस्वीर बुधवार को जागरण की पड़ताल में सामने आ गई। बाल रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ परामर्शदाता की ओपीडी बंद मिली तो स्ट्रेचर के लिए तीमारदार परेशान रहे। नए भवन में सर्जन का कक्ष खुला रहा पर चिकित्सक की कुर्सी खाली रही। यह स्थिति तब है जब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर प्रशासन लगातार चिकित्सा व्यवस्था में सुधार का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर अधिकारी चिकित्सक की कमी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

बाल रोग विशेषज्ञ 31 जुलाई तक अवकाश पर हैं, तब तक फिजीशियन बच्चों का इलाज कर रहे हैं। तीमारदार के मास्क की जगह नकाब बांधने के बाद भी मरीज का इलाज क्यों नहीं किया गया, इस संबंध में चिकित्सक से वार्ता की जाएगी।

डॉ. सीबीएन त्रिपाठी

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक

जिला चिकित्सालय

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