कार्रवाई खोल रही अधिकारियों के दावों की पोल
स्वछ अयोध्या के सपने को साकार करने की राह आसान नहीं है. महापौर ने चार दिनों के औचक निरीक्षण में 60 से अधिक सफाई कर्मियों पर दिया कार्रवाई का निर्देश.
अयोध्या : शहर में सफाई व्यवस्था चौकस है। सफाई में विस्तार किया जा रहा है। दो पालियों में सफाई का निर्देश दिया गया है..आदि..आदि। ऐसे दावे कई महीनों से नगर निगम के अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन सफाई को लेकर लगातार मिल रही शिकायत के मद्देनजर महापौर रिषिकेश ने उपाध्याय, जब हकीकत जानने के लिए स्वयं वार्डों का औचक निरीक्षण शुरू किया तो मातहतों के दावों की कलई खुल गई। चार दिनों से महापौर नगर निगम के वार्डों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के वह सुबह-सुबह वार्डों में पहुंच स्वयं लोगों से मिलकर जनसुविधाओं की हकीकत पता कर रहे हैं। सफाई कर्मियों की अनुपस्थित एवं लापरवाही को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। यही वजह है कि अभी तक के निरीक्षण में उन्होंने 60 से अधिक सफाई कर्मियों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। महापौर की ओर से नकेल कसे जाने से हड़कंप मच गया है।
सफाई को लेकर मनमानी की यह तस्वीर स्वच्छ अयोध्या की सपने को साकार करने में बड़ी बाधा है। सफाई कर्मियों में दायित्व बोध नहीं है। अधिकारियों में निर्देशों का अनुपालन कराने की इच्छाशक्ति का अभाव है। दोनों स्तरों पर बरती जा रही लापरवाही से नगर में गंदगी की समस्या बढ़ती जा रही है। चार दिन के भीतर महापौर रिषिकेश उपाध्याय और नगर आयुक्त विशाल सिंह नयाघाट, लक्ष्मणघाट, देवकाली, चौक, रेतिया, मंगल पांडेय, अंबेडकरनगर, स्वर्गद्वार, नियावां वार्ड सहित साकेतपुरी, कौशलपुरी, शक्तिनगर, कृष्णानगर कॉलोनी का निरीक्षण कर चुके हैं। इन सभी स्थानों पर सफाई, निर्माण एवं पेयजल से जुड़ी समस्याएं उन्हें देखने को मिली हैं। सफाई व्यवस्था में सुधार की दिशा में महापौर का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रामनगरी को स्वच्छ रखना है तो हर स्तर पर सचेत होने की आवश्यकता है।