फुल प्रूफ जेम पोर्टल से एलइडी खरीद में भी घपला

जेम पोर्टल से सरकारी खरीद में भी घपला सामने आया है। यह मामला नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर में एलइडी स्ट्रीट लाइट 90 व 120 वॉट से जुड़ा लगभग 85 लाख रुपये की खरीद का है। यह किसी का आरोप नहीं सुलतानपुर के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) उमानाथ त्रिपाठी की जांच रिपोर्ट का हिस्सा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:52 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:52 PM (IST)
फुल प्रूफ जेम पोर्टल से एलइडी खरीद में भी घपला
फुल प्रूफ जेम पोर्टल से एलइडी खरीद में भी घपला

आनंदमोहन, अयोध्या

जेम पोर्टल से सरकारी खरीद में भी घपला सामने आया है। यह मामला नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर में एलइडी स्ट्रीट लाइट 90 व 120 वॉट से जुड़ा लगभग 85 लाख रुपये की खरीद का है। यह किसी का आरोप नहीं, सुलतानपुर के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) उमानाथ त्रिपाठी की जांच रिपोर्ट का हिस्सा है। जांच रिपोर्ट के अनुसार तीन हजार से लेकर 4500 के बीच प्रति पीस उपलब्ध एलइडी की खरीद आठ हजार रुपये प्रति पीस की गई है। मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल इसे अपर मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए संदर्भित कर चुके हैं। शिकायत सभासद डॉ. संतोष कुमार सिंह की है। बाजार की खरीद की कीमत के अंतर के आधार पर जेम से खरीद घोटाले को एडीएम ने साबित किया है। दो माह पहले अधिशासी अधिकारी श्यामेंद्रमोहन चौधरी निलंबित हो चुके हैं। शासन ने स्थानीय निकाय निदेशालय के अपर निदेशक को जांच अधिकारी नामित किया है। आरोपपत्र जारी कर आगे की जांच उन्हें करना है। नगर पालिका परिषद का अतिरिक्त प्रभार डिप्टी कलेक्टर महेंद्र श्रीवास्तव को सौंपा गया है। उनके अनुसार बुधवार को सायं को ही उन्होंने प्रभार संभाला है। बस, इतनी जानकारी है कि किसी प्रकरण में अधिशासी अधिकारी निलंबित चल रहे हैं। वहीं, निलंबित अधिशासी अधिकारी के अनुसार एडीएम (वित्त एवं राजस्व) के बाद एलइडी खरीद के लगे आरोपों के बाद जिलाधिकारी रवीश गुप्त ने उनके प्रत्यावेदन पर पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर आरोपों की जांच कराई है। डिप्टी कलेक्टर रामऔतार की अध्यक्षता में गठित कमेटी में एक्सईन विद्युत, मुख्य कोषाधिकारी, उपायुक्त वाणिज्य कर के अलावा जिला लेखा परीक्षा अधिकारी स्थानीय निकाय शामिल रहे। यह कमेटी भी अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को करीब एक माह पहले सौंप चुकी है। रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। उनके अनुसार दोनों जांच रिपोर्ट का परीक्षण शासन स्तर पर किया जा रहा है।

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