देवगढ़ में मजदूर बना गांव की सरकार का मुखिया

इस बार प्रधान की सीट अनुसूचित जाति की श्रेणी में आरक्षित होने के कारण देवगढ़ गांव की सरकार (प्रधान) पर मजदूरी करने वाले उदयभान ने जीत दर्ज की। प्रधान पद का चुनाव जीते उदयभान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रामजीत कन्नौजिया को 86 मतों से पराजित किया। पेशे से मजदूर उदयभान ने 308 मत हासिल कर सभी को चौंका दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 11:38 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 11:38 PM (IST)
देवगढ़ में मजदूर बना गांव की सरकार का मुखिया
देवगढ़ में मजदूर बना गांव की सरकार का मुखिया

पूराबाजार (अयोध्या) : इस बार प्रधान की सीट अनुसूचित जाति की श्रेणी में आरक्षित होने के कारण देवगढ़ गांव की सरकार (प्रधान) पर मजदूरी करने वाले उदयभान ने जीत दर्ज की। प्रधान पद का चुनाव जीते उदयभान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रामजीत कन्नौजिया को 86 मतों से पराजित किया। पेशे से मजदूर उदयभान ने 308 मत हासिल कर सभी को चौंका दिया। वहीं प्रतिद्वंदी रामजीत कनौजिया को 222 मत ही मिले। अजीत सिंह एवं अतुल सिंह ने बताया कि उदयभान एवं रामजीत के अलावा पूर्व प्रधान रघुवीर कन्नौजिया, दिलीप कुमार, बाले एवं कन्हैयालाल भी चुनाव में किस्मत आजमा रहे थे। जनता ने इनको नकार कर उदयभान प्रधान पद के लिए पसंद किया।

प्रतिमा के चुनावी जंग में नहीं टिके कई बार के प्रधान रामरंग

पूराबाजार : इस बार जरही ग्राम पंचायत के प्रधान पद का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प रहा। चुनाव के नतीजे ने सभी को चौका दिया। महिला सीट आरक्षित होने के चलते पिछले चार बार से प्रधान रहे सपा नेता व प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष रहे रामरंग यादव ने पत्नी कुसुम यादव को चुनाव मैदान में उतारा था। अखिलेश सिंह सोनू ने पत्नी प्रतिमा सिह के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया। प्रतिमा ने 327 मतों के अंतर से कुसुम को पराजित किया। प्रधानी के जोरदार मुकाबले में जीती प्रतिमा को कुल 701 वोट मिले। प्रधान संघ के अध्यक्ष रामरंग यादव जरही से पहली बार 1995 में प्रधान बने। दोबारा वर्ष 2000 फिर प्रधान बनने के बाद उन्हें वर्ष 2005 में हार का सामना करना पड़ा। फिर वह 2010 और वर्ष 2015 में पुन: निर्वाचित हुए। इस वर्ष भी वह नहीं जीत सके।

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