भारत ने पड़ोसियों से आर्थिक व सामरिक संबंध किए मजबूत : चतुर्वेदी
अयोध्या मेजर जनरल एके चतुर्वेदी ने कहा कि भारत ने चीन से मुकाबला करने के लिए अपने पड़ोसी देशों से आर्थिक व सामरिक संबंधों को मजबूत किया है। वे साकेत महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने देश की बदलती विदेशी नीति व इसके फायदे गिनाए। शनिवार को संगोष्ठी का समापन हुआ। प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
अयोध्या : मेजर जनरल एके चतुर्वेदी ने कहा कि भारत ने चीन से मुकाबला करने के लिए अपने पड़ोसी देशों से आर्थिक व सामरिक संबंधों को मजबूत किया है। वे साकेत महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने देश की बदलती विदेशी नीति व इसके फायदे गिनाए। शनिवार को संगोष्ठी का समापन हुआ। प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. हरिचरण ने कहा, समय के साथ राजनीतिक चेतना में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि इस समय पारस्परिक आर्थिक विकास की अवधारणा ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। भारत के समक्ष पारंपरिक के साथ-साथ गैर पारंपरिक चुनौतियां हैं, जिसे सैन्य रणनीति के साथ आर्थिक वार्ता से हल किया जाना चाहिए।
सिघानिया विश्वविद्यालय राजस्थान के पूर्व कुलपति प्रोफेसर एके सिंह कहा कि विदेश में फैले हुए भारतीय मूल के लोग देश को विश्व पटल पर ताकत दिखाने के लिए पर्याप्त हैं। कहा कि विदेश नीति राष्ट्र अध्यक्षों के आपसी संबंधों पर निर्भर करता है। इसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बखूबी अंजाम दिया है। आयोजक सचिव रामअवतार ने राष्ट्रीय सेमिनार की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। संगोष्ठी में चार तकनीकी व तीन विशेष व्याख्यान हुए। प्राचार्य एवं संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अजय मोहन श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस मौके पर डॉ. जगदीश प्रसाद वर्मा, डॉ.अभय कुमार सिंह, डॉ.कनक बिहारी पाठक, डॉ.अखिलेश कुमार, प्रभात श्रीवास्तव मौजूद रहे।