सेलेबस से ज्यादा समाधान पर ध्यान देने की जरूरत

फोटो- 031 -आइआइएम रांची के निदेशक प्रो. शैलेंद्र सिंह मानते हैं ज्यादा से ज्यादा हो केस स्टडी जासं अयोध्या डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग में वर्ष 1994 से 199

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 11:13 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 11:13 PM (IST)
सेलेबस से ज्यादा समाधान पर ध्यान देने की जरूरत
सेलेबस से ज्यादा समाधान पर ध्यान देने की जरूरत

अयोध्या : आइआइएम रांची के निदेशक प्रो. शैलेंद्र सिंह का मानना है कि शिक्षा पद्धति में सुधार लाने के लिए सेलेबस से ज्यादा समाधान पर ध्यान देना होगा। वे मानते हैं कि भारतीय शिक्षा पद्धति को वैश्विक मानकों के मुताबिक लाने के लिए प्रायोगिक कक्षाओं के संचालन पर फोकस करना होगा।

मैनेजमेंट एल्युमिनाई एसोसिएशन के प्रथम सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए प्रो. सिंह ने उच्च शिक्षा को लेकर जागरण से खास बातचीत की। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग में वर्ष 1994 से 1998 तक एसोसिएट प्रोफेसर रह चुके प्रो. सिंह ने कहा कि अब भी तमाम शिक्षण संस्थानों में सेलेबस को तय समय सीमा में खत्म करने पर जोर दिया जाता है, जबकि दुनिया के अग्रणी संस्थान समस्याओं के समाधान पर काम करते हैं और उसे पढ़ाई का हिस्सा बनाते हैं। हमें भी इस बदलाव को लाना होगा। रटे-रटाए तरीकों को छोड़कर आधुनिक शिक्षा पद्धति को अपनाना होगा। तकनीकी का इस्तेमाल भी बढ़ाना होगा। प्रो. सिंह का कहना है कि केस स्टडी को बढ़ावा देना चाहिए। शिक्षण केस स्टडी पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करने की आवश्यकता है, जिससे विद्यार्थियों को समस्याओं का समाधान करने में मदद मिले और उन्हें प्रायोगिक जानकारी भी मिल सके।

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