किस्त-दर-किस्त सम्मान निधि के घटते गए किसान
अयोध्या जिले में राजस्व अभिलेखों के अनुसार किसानों की संख्या 377110 है। इनमें लघु एवं सीमांत किसान 331504 हैं। सम्मान निधि की पहली किस्त 232398 किसानों को मिली। करीब 1.44 लाख किसान सम्मान निधि की धनराशि से उस वक्त वंचित रहे। पहली किस्त न मिल पाने के कई कारण बताए गए। भारत सरकार के आंकड़े के अनुसार पहली किस्त पाए किसानों में से दूसरी 192 987 किसानों को मिली।
अयोध्या : जिले में राजस्व अभिलेखों के अनुसार किसानों की संख्या 3,77,110 है। इनमें लघु एवं सीमांत किसान 3,31,504 हैं। सम्मान निधि की पहली किस्त 2,32,398 किसानों को मिली। करीब 1.44 लाख किसान सम्मान निधि की धनराशि से उस वक्त वंचित रहे। पहली किस्त न मिल पाने के कई कारण बताए गए। भारत सरकार के आंकड़े के अनुसार पहली किस्त पाए किसानों में से दूसरी 1,92, 987 किसानों को मिली। इससे 39,409 किसान घट गए। त्रुटि के आधार पर उनके बैंक एकाउंट में न जाने का कारण बताया गया। तीसरी किस्त 57,810 किसानों को ही मिल सकी। दूसरे के मुकाबले 1.35 लाख किसान तीसरी किस्त में घट गए।
करीब साढ़े तीन हजार ऐसे किसान पंजीकरण के बाद सम्मान निधि से वंचित हैं, जिनका डाटा लॉक करने के लिए तहसील कर्मियों को किसानों का इंतजार है। कृषि विभाग के अधिकारी कई बार संबंधित तहसील के एसडीएम से डाटा लॉक कराने की अपेक्षा कर चुके हैं। अभी लॉक न होने की खबर है। ---------------------- सुनिए पहली किस्त पाए किसान की
-सोहावल ब्लॉक के नेपाल मिश्र का पुरवा-कलाफरपुर निवासी श्रीधर मिश्र के अनुसार पंजीकरण कराने के बाद पहली किस्त दो हजार रुपये बैंक एकाउंट पहुंचने में देर नहीं लगी। दूसरी किस्त के लिए आधार कार्ड गलत होने का मैसेज उनके मोबाइल पर आया। फिर से आधार कार्ड, बैंक एकाउंट वेबसाइट पर फीड कराया तो दूसरी किस्त 15 दिन बाद आ गई। तीसरी किस्त के लिए नाम, बैक एकाउंट व आधार नंबर गलत होने का फिर मैसेज आया। उनका कहना है कि पहले की गलती सुधारने के बाद दूसरी किस्त आई। तीसरी किस्त के लिए फिर मैसेज गलती ठीक कराने का आया। उनका कहना कि पहले विवरण गलत था तो आई कैसे। गलती सुधारने के बाद जब दूसरी किस्त आई तो तीसरे के लिए कैसे गलत है। अकेले श्रीधर की यह परेशानी नहीं है। उन जैसे अनगिनत सम्मान निधि के लिए भटकते मिलेंगे।
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बोले जिम्मेदार
-जिला कृषि अधिकारी बीके सिंह के अनुसार किसानों को स्वयं गलती सुधारने का विकल्प दिया गया है। उन्हें भटकना नहीं है। जनसेवा केंद्र से भी सुधार करा सकते हैं। सुधार होने के बाद सम्मान निधि की धनराशि उनके बैंक एकाउंट में पहुंचने में देर नहीं लगेगी।