दिल्ली के पूर्व मंत्री की तैयार हुई थी फर्जी मार्कशीट
फैजाबाद : डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अंकपत्रों का फर्जी उपयोग पूर्व में कई बार
फैजाबाद : डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अंकपत्रों का फर्जी उपयोग पूर्व में कई बार हो चुका है। गाहे-बगाहे जांच में कुछ मामले भी सामने आए। कई बार विवि के फर्जी अंकपत्र तैयार कर इसे उच्चस्तर पर प्रयुक्त किया गया। यहां तक कि दिल्ली के केजरीवाल सरकार के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र ¨सह तोमर के फर्जी अंकपत्र का मामला भी अवध विवि से जुड़ा रहा।
तोमर ने जिस बीएसएसी की मार्कशीट का उपयोग किया, जांच में पता चला कि वह फर्जी थी। तोमर यहां न तो कभी आया और न अध्ययन किया। उसने दावा किया कि उसकी बीएससी की मार्कशीट अवध विवि के साकेत महाविद्यालय की थी। प्रकरण में पड़ताल के दौरान दिल्ली पुलिस तोमर को लेकर अयोध्या भी आई। साकेत महाविद्यालय व अवध विश्वविद्यालय परिसर लाकर गहन पड़ताल हुई थी। इसी के बाद पता चला कि उसकी मार्कशीट फर्जी थी। सोमवार को पुलिस ने विवि के सामने दुकान पर जब छापेमारी कर ब्लैंक मार्कशीट बरामद की तो एक फिर से विवि के अंकपत्रों का फर्जी प्रयोग होने की आशंका गहरा गई। पुराने मसले भी याद आने लगे। मंगलवार को विवि के एक कर्मी से कुलसचिव कार्यालय में पुलिस ने पूछताछ भी की, आरोपी भी साथ रहा। पर अभी तक पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
सादी मार्कशीट की विवि परिसर के बाहर बरामदगी कई सवाल खड़ा करती है। प्राथमिक दर्ज न किया जाना भी चौंकाने वाला है। दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र ¨सह तोमर फर्जी डिग्री मामले में पद गवाना पड़ा और जेल भी जाना पड़ा। तोमर ने तिलक मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के साथ ही बीएससी की डिग्री और मार्कशीट डॉ. राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से हासिल करने का दावा किया था। यूनिवर्सिटी ने तोमर की बीएससी डिग्री, मार्कशीट और रोलनंबर जाली होने की जानकारी दी थी। दूसरी ओर विवि के कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित ने साफ किया कि मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि विवि का कोई कर्मी प्रकरण में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।