चाय की चुस्की के साथ जानिए सियासी हवा

अयोध्या ..अरे क्या बात करते हैं देख लीजिएगा.. परिणाम हमारे अनुकूल ही आएगा। ये दावा भाजपा नेता राजेश सिंह का है। इसके पीछे वे तर्क भी प्रस्तुत करते हैं। इतने में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सभाजीत सिंह भी आ जाते हैं। कुछ देर तक वे चर्चा को समझते हैं और फिर.. प्रति उत्तर..। पूर्वाह्न साढ़े दस बजे का समय रहा होगा। रिकाबगंज हनुमानगढ़ी तिराहे पर स्थित एक चाय की दुकान पर तर्कों का यह सिलसिला करीब तीन से चार घंटे तक चलता रहा। इस बीच नेता भी आते-जाते रहे लेकिन राजनीतिक चर्चा जरा देर के लिए भी रुकी नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 11:08 PM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 11:08 PM (IST)
चाय की चुस्की के साथ जानिए सियासी हवा
चाय की चुस्की के साथ जानिए सियासी हवा

अयोध्या : ..अरे क्या बात करते हैं, देख लीजिएगा.. परिणाम हमारे अनुकूल ही आएगा। ये दावा भाजपा नेता राजेश सिंह का है। इसके पीछे वे तर्क भी प्रस्तुत करते हैं। इतने में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सभाजीत सिंह भी आ जाते हैं। कुछ देर तक वे चर्चा को समझते हैं और फिर.. प्रति उत्तर..।

पूर्वाह्न साढ़े दस बजे का समय रहा होगा। रिकाबगंज हनुमानगढ़ी तिराहे पर स्थित एक चाय की दुकान पर तर्कों का यह सिलसिला करीब तीन से चार घंटे तक चलता रहा। इस बीच नेता भी आते-जाते रहे, लेकिन राजनीतिक चर्चा जरा देर के लिए भी रुकी नहीं। हां, दोपहर करीब दो से शाम चार बजे तक चर्चा थोड़ा मंद हुई। शाम चार बजते-बजते नेताओं, अलग-अलग विचारधारा से जुड़े लोगों और समर्थकों के आने का सिलसिला आरंभ हो जाता है। देर शाम तक बहस-मुबाहिसा का दौर चलता रहता है। बात सांसद चुनने तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि सरकार बनने की भविष्यवाणी और चुनावी रणनीति भी चर्चा का हिस्सा होती है। रिकाबगंज हनुमानगढ़ी तिराहे पर किसी एक नहीं, बल्कि भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, आप व वामदलों के नेताओं का जमावड़ा होता है। रिकाबगंज हनुमानगढ़ी तिराहे के अलावा भी शहर में कुछ ऐसे चौराहे हैं, जहां आप भी चाय की चुस्कियों के साथ सियासी हवा को जान सकते हैं।

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रोडवेज और ईदगाह तिराहा

रोडवेज पर बनी चाय की दुकानें भी सियासी का चर्चा का केंद्र होती रही, हालांकि यहां भाजपा नेताओं की बैठक करीब-करीब दिन भर होती है, लेकिन दूसरे दलों के नेताओं का भी आना रहता था। भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा से जुड़े नेताओं भी आना होता है। चर्चा का केंद्र करीब-करीब सभी दलों की रणनीति, उम्मीदवार और भावी सरकार होती है। इसी तरह ईदगाह तिराहे पर भी राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं का जमावड़ा होता है। यहां सपा नेताओं की बैठकी दिन भर होती रहती है। अन्य दलों के नेताओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा है।

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चौक और नाका

शहर में चौक और नाका भी ऐसा क्षेत्र है, जहां सियासी हवा का रुख जाना जा सकता है। दोनों ही बाजारों में बनी चाय की दुकानें राजनीति से जुड़े लोगों की बैठकी के लिए जानी जाती है। भाजपा, कांग्रेस और सपा नेताओं अपने-अपने तर्कों के साथ दावे करते हैं। नाका हनुमानगढ़ी के निकट बनी दुकानें नेताओं की बैठकी की खास जगह है।

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परिक्रमा मार्ग स्थित रामघाट चौराहा

रामनगरी में परिक्रमा मार्ग स्थित रामघाट चौराहा पर बनी चायपान की दुकानें लोगों के जमावड़े के लिए जानी जाती हैं। रामघाट चौराहा की दुकानों पर राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों की मौजूदगी रहती है और घंटों सियासी चर्चा का दौर चलता रहता है।

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देवकाली और टीवी टावर चौराहा

देवकाली और टीवी चौराहे पर भी सियासत में दिलचस्पी रखने वालों की बैठकी होती है। देवकाली में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के तिराहे और फोरलेन से निकट बनी चायपान की दुकानों पर करीब-करीब रोजाना ही शाम के समय चर्चा और बहस का दौर चलता है। टीवी टावर चौराहे पर बनी दुकानें भी राजनीतिक चर्चा का केंद्र रहती हैं।

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