बाटम-ई-बुक, ई-पेपर, ई-इक्जाम से प्रभावी बन रहा शिक्षाक्षेत्र

ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग ई.बुक ई. पेपर ई. इक्जाम ई.बैकिग

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Apr 2019 11:44 PM (IST) Updated:Tue, 02 Apr 2019 11:44 PM (IST)
बाटम-ई-बुक, ई-पेपर, ई-इक्जाम से प्रभावी बन रहा शिक्षाक्षेत्र
बाटम-ई-बुक, ई-पेपर, ई-इक्जाम से प्रभावी बन रहा शिक्षाक्षेत्र

अयोध्या : डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की आइआइटी संस्थान में फाइव-जी आइओटी विषय पर कार्यशाला में आइआइएम त्रिची के प्रो.प्रशांत गुप्ता ने फोरजी इंटरनेट ऑफ थिग्स की इंडस्ट्री में आवश्यकता को समझाया। उन्होंने वर्तमान समय के अनुरूप पाठ्यक्रमों में बदलाव की आवश्यकता बताई। कहा, इंटरनेट युग में ई-बुक, ई-पेपर, ई-इक्जाम, ई-बैकिग जैसे कई उदाहरण शिक्षा क्षेत्र को प्रभावी एवं उपयोगी बना रहे हैं। ये माध्यम आधुनिक पठन-पाठन के साथ स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा की तैयारी, नए वैज्ञनिक सोच तथा आधुनिक तकनीक से हमेशा जुड़े रहने का सबसे अच्छा माध्यम साबित हो रहा है।

अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस कम्यूनिकेशन की प्रोफेसर डॉ. रश्मि गुप्ता ने स्पीच रिकगनेशन टेक्नॉलाजी विद इंटरनेट ऑफ थिग्स विषय के बारे में बताया। कहा कि 2025 तक भारत के सारे प्रमुख शहर स्मार्ट हो जाएंगे। शहरों में स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट रोड, स्मार्ट लाइटिग, सरविलांस इत्यादि स्वाचलित प्रणाली युक्त हों। प्रो. मंजू खारी ने वेब ऑफ थिग्स विषय पर विचार रखा। उन्होंने ने इंटरनेट की सेक्योरिटी के साथ उपयोग एवं वर्तमान चैलेंज को बताया। प्रेमशंकर यादव संबोधित किया। संचालन नूपुर सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ. पारितोष त्रिपाठी, डॉ. विनीत सिंह, समृद्धि सिंह, रमेश मिश्र, कृति श्रीवास्तव, श्वेता मिश्रा मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी