रिट डिसमिस होने के बाद भी देते रहे सरकारी लाभ

जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के खेल न्यारे हैं। आप सुनकर दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। दो वर्ष पहले जिस कर्मचारी रामनरेश पांडेय की याचिका हाईकोर्ट ने डिसमिस कर दी। रिट डिसमिस होने से वह रेगुलर से दैनिक वेतनभागी कर्मचारी बन गया। यह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 11:10 PM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 11:10 PM (IST)
रिट डिसमिस होने के बाद भी देते रहे सरकारी लाभ
रिट डिसमिस होने के बाद भी देते रहे सरकारी लाभ

अयोध्या : जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के खेल न्यारे हैं। आप सुनकर दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। दो वर्ष पहले जिस कर्मचारी रामनरेश पांडेय की याचिका हाईकोर्ट ने डिसमिस कर दी, फिर वह रेगुलर से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी बन गया। यह जानकारी न तो हाकिमों को हुई और न उनके मुलाजिमों को। नतीजतन उसे रेगुलर कर्मचारी का लाभ मिलता रहा। पकड़ में मामला तब आया, जब जनवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आशीष कुमार ने शिकायत की। छानबीन में पता चला कि रिट पत्रावली नौ जून 2014 से गायब है। मामला संज्ञान में आने के बाद हड़कंप मच गया।

मुख्य विकास अधिकारी अभिषेकआनंद ने इसे बड़ी लापरवाही माना और जांच का निर्देश दिया।

डीआरडीए के पीडी कमलेशकुमार सोनी के अनुसार तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगा है। जिस कर्मचारी के खिलाफ लापरवाही का आरोप साबित होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर वह सेवानिवृत्त हो गया होगा तो भी कार्रवाई से बच नहीं सकेगा। ---------------------- जांच का दायरा

-तीन सदस्यीय जांच कमेटी क्षतिपूर्ति की राशि का आकलन कर जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारी को चिह्नित करेगी। क्षतिपूर्ति धनराशि का वर्षवार ब्योरा तैयार करेगी। जांच कमेटी में जिला विकास अधिकारी के सहायक लेखाधिकारी रामविलास, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वीसी वर्मा एवं स्थापना लिपिक कौशलेंद्र सिंह शामिल हैं। ---------------------- ये है प्रकरण

-प्रकरण दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रामनरेश पांडेय से जुड़ा है। रेगुलर होने के लिए हाईकोर्ट में उसने रिट दाखिल की थी। उसी रिट के 21 मार्च 1991 के आदेश के क्रम में तत्कालीन पीडी पारसनाथ ने ज्वाइनिग तिथि से वेतन आहरित करने का आदेश दिया है। उसी आदेश में उल्लेख है कि यह आदेश उच्च न्यायालय के अंतिम आदेश के आधीन होगा। पहली अगस्त 2016 को बलहीन मानते हुए हाईकोर्ट ने रिट को डिसमिस कर दिया। प्रथम²ष्टया वाद लिपिक एवं वाद प्रभारी को इसके लिए जिम्मेदार माना गया है।

chat bot
आपका साथी