डिस्पेंसरी का समय बदलने से बैंक कर्मी व पेंशनर्स नाराज
भारतीय स्टेट बैंक में वर्ष 2006 से स्थापित डिस्पेंसरी को पूर्व की भांति सप्ताह में छह दिन संचालित करने की मांग की गई। वर्ष 2018 तक यह डिस्पेंसरी सप्ताह में छह दिन 2 घंटे प्रतिदिन के हिसाब से संचालित थी। एक सितंबर 2018 में पूर्व चिकित्सक का एक्सीडेंट होने की वजह से डिस्पेंसरी बंद हो गई.
अयोध्या : भारतीय स्टेट बैंक में वर्ष 2006 से स्थापित डिस्पेंसरी को पूर्व की भांति सप्ताह में छह दिन संचालित करने की मांग की गई। वर्ष 2018 तक यह डिस्पेंसरी सप्ताह में छह दिन 2 घंटे प्रतिदिन के हिसाब से संचालित थी। एक सितंबर 2018 में पूर्व चिकित्सक का एक्सीडेंट होने की वजह से डिस्पेंसरी बंद हो गई। इसके बाद वर्ष 2019 फरवरी में बैंक ने डॉक्टर की नियुक्ति के लिए पूर्व की शर्तों के आधार पर विज्ञापन निकाला। इसमें चिकित्सक को दो घंटे प्रतिदिन के हिसाब से छह दिन बैठना था। चिकित्सक का साक्षात्कार नवंबर 2019 में हुआ और डॉक्टर को नियुक्ति पत्र 13 माह बाद माह मार्च 2020 में दिया गया, लेकिन डिस्पेंसरी का समय बदल दिया गया। डिस्पेंसरी का समय सप्ताह में दो दिन दो घंटे कर दिया गया, जबकि यह जिले भर के स्टाफ, अधिकारी एवं पेंशनर्स की सुविधा के अनुकूल नहीं है।
इसको लेकर स्टाफ व पेंशनर्स ने 14 मई को भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष को प्रतिवेदन भी भेजा। इसमें यह मांग की गई कि डिस्पेंसरी को पूर्व की भांति सप्ताह में छह दिन दो घंटे प्रतिदिन के हिसाब से संचालित किया जाए। इसके बाद 28 मई, 17 जून व एक जुलाई को दोबारा एसबीआइ अध्यक्ष को मेल भेजा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। पेंशनर्स ने मीटिग कर बीती 21 जुलाई को एसबीआइ लखनऊ के मुख्य महाप्रबंधक को मेल भेजा, जिसमें कहा गया था कि 31 जुलाई तक बैंक डिस्पेंसरी को पूर्व की भांति संचालित नहीं किया गया तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। पेंशनर्स प्रवक्ता डीसी टंडन ने बताया कि यदि बैंक प्रबंधन मांगों को नहीं मानता तो धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।