कोरोना संकट के चलते फीका पड़ा राम जन्मोत्सव

कोरोना संकट के चलते राम जन्मोत्सव का रंग फीका पड़ने लगा है। राम जन्मोत्सव तो 21 अप्रैल को है पर पूर्व चलन के हिसाब से इसकी रौनक वासंतिक नवरात्र की शुरुआत से ही बयां होनी चाहिए थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:49 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:49 PM (IST)
कोरोना संकट के चलते फीका पड़ा राम जन्मोत्सव
कोरोना संकट के चलते फीका पड़ा राम जन्मोत्सव

अयोध्या: कोरोना संकट के चलते राम जन्मोत्सव का रंग फीका पड़ने लगा है। राम जन्मोत्सव तो 21 अप्रैल को है पर पूर्व चलन के हिसाब से इसकी रौनक वासंतिक नवरात्र की शुरुआत से ही बयां होनी चाहिए थी। कोरोना संकट के बादल निरंतर सघन होने के साथ इस बार परि²श्य विलग है। हालांकि रामलला के हक में चिर प्रतीक्षित फैसला आने और राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण शुरू होने के बीच यह राम जन्मोत्सव व्यापक स्तर पर मनाए जाने की तैयारी थी पर कोरोना इन तैयारियों पर पानी फेर रहा है। कहां अति भव्य राम जन्मोत्सव मनाए जाने की तैयारी थी और अब रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास को पूर्व के वर्षों की भांति साधारण ढंग से राम जन्म उत्सव मनाए जाने पर संदेह पैदा हो रहा है। उम्मीद जताते हैं कि रविवार तक राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कोरोना को देखते हुए कोई गाइडलाइन मिलेगी और उसी हिसाब से राम जन्मोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस बीच जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने संतों से भेंट कर अनुरोध किया है कि वे कोरोना संकट को ध्यान में रख कर श्रद्धालुओं से यह अपील करें कि वह अपने घर से ही भगवान को प्रणाम करें और अयोध्या आकर कोरोना संक्रमण का कारण ना बने। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य कहते हैं कि यह संकट उत्सव की व्यापकता नापने की बजाय मानव जीवन को बचाने का है और हमें किसी भी कीमत पर कोरोना को संक्रमित नहीं होने देना है। यही समय की मांग है राम भक्ति है और राष्ट्रभक्ति भी।

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