कोरोना के चलते नहीं हो सकेगा दीपोत्सव का दीदार

मात्र पासधारकों को दीपोत्सव में शामिल होने की मिलेगी इजाजत. इस बार रोशन होंगे पांच लाख 30 हजार दीप.

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 10:47 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 11:11 PM (IST)
कोरोना के चलते नहीं हो सकेगा दीपोत्सव का दीदार
कोरोना के चलते नहीं हो सकेगा दीपोत्सव का दीदार

अयोध्या : 11 से 13 नवंबर तक प्रस्तावित चौथा दीपोत्सव भव्यता की तो मिसाल कायम करेगा, पर उसका दीदार आम लोग नहीं कर सकेंगे। कोरोना से बचाव की गाइड लाइन के अनुरूप जिलाधिकारी ने बताया कि दीपोत्सव में आमंत्रण पत्र व पासधारक को ही शामिल होने की अनुमति रहेगी और इस शर्त का कड़ाई से पालन कराया जायेगा। दीपोत्सव की परंपरा का आगाज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस साल मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उसी साल किया था और पहले साल से ही यह भव्य आयोजन के रूप में सामने आया। प्रथम दीपोत्सव में ही रिकार्ड एक लाख 71 हजार दीप जले। हालांकि तकनीकी कारणों से यह प्रयास गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में नहीं दर्ज हो सका और इसकी कसक दूसरे दीपोत्सव में पूरी हुई, जब रामनगरी में रामकी पैड़ी तट पर एक साथ तीन लाख 11 हजार से अधिक दीप रोशन हुए। रामकथा पर केंद्रित झांकियों की भव्य शोभायात्रा, राम राज्याभिषेक के नयनाभिराम मंचन और रामलीला की वैश्विकता परिभाषित करतीं कई अन्य देशों की रामलीला मंडलियों की प्रस्तुति के साथ आतिशबाजी और लेजर शो के माध्यम से रामकथा के ²श्यों की प्रस्तुति रामनगरी के दीपोत्सव को वैश्विक पहचान देने वाली रही। प्रथम दीपोत्सव से ही स्थापित यह परंपरा चौथे दीपोत्सव में भी आगे बढ़ेगी। इस बार एक साथ अधिकाधिक दीप जलाये जाने का रिकार्ड और उच्चतर होगा। इस बार पांच लाख 30 हजार दीप जलाये जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस बीच जहां कोरोना गाइड लाइन का पालन किया जायेगा, वहीं दीपोत्सव की परंपरा के अनुरूप उसमें अन्यान्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी शामिल की जा रही हैं। 13 नवंबर को रामलला के सम्मुख दीप जला कर दीपोत्सव का आगाज करेंगे।

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