कृषि गोदामों पर किसानों का टोटा, नहीं बिक रहा धान बीज

अयोध्या राजकीय कृषि गोदामों में धान बीज खरीदने को किसान नहीं आ रहे हैं। खरीदे गए धान बीज पर किसानों को अनुदान भी मिलना है। सामान्य प्रजाति के बीज की आपूर्ति राजकीय कृषि गोदामों पर की गई है। हाईब्रिड धान बीज किसानों की पसंद है। राजकीय कृषि गोदामों में हाईब्रिड धान बीज की आपूर्ति नहीं कृषि विभाग ने नहीं की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 10:56 PM (IST) Updated:Tue, 21 May 2019 06:25 AM (IST)
कृषि गोदामों पर किसानों का टोटा, नहीं बिक रहा धान बीज
कृषि गोदामों पर किसानों का टोटा, नहीं बिक रहा धान बीज

अयोध्या : राजकीय कृषि गोदामों में धान बीज खरीदने को किसान नहीं आ रहे हैं। खरीदे गए धान बीज पर किसानों को अनुदान भी मिलना है। सामान्य प्रजाति के बीज की आपूर्ति राजकीय कृषि गोदामों पर की गई है। हाईब्रिड धान बीज किसानों की पसंद है। राजकीय कृषि गोदामों में हाईब्रिड धान बीज की आपूर्ति नहीं कृषि विभाग ने नहीं की है।

जिला कृषि अधिकारी बीके सिंह के अनुसार निजी दुकानों से हाईब्रिड खरीदने वालों किसानों को डीबीटी के माध्यम से विभाग अनुदान देता है। किसानों की पहली पंसद हाईब्रिड धान बीज देख शासन से आवंटित धान बीज का लक्ष्य उठाने में कृषि विभाग को पसीना छूट रहा है। धान के बनिस्बत किसान गन्ने की बोआई भी अधिक करने लगा है। धान की किसानी का रकबा भी इससे सिकुड़ने लगा है। शासन से करीब एक लाख हेक्टेअर धान रकबे की किसानी का लक्ष्य है। गन्ने की पंसद को देखते हुए इसका पूरा होना भी आसान नहीं लगता। जिला कृषि अधिकारी के अनुसार यह सही है कि हाईब्रिड किसानों को पहली पसंद है। करीब 65 से 70 हजार हेक्टेअर हाईब्रिड धान खेती किसान करने लगे हैं। इससे सामान्य प्रजाति धान की बिक्री प्रभावित है पर धान बीज बिकने में दिक्कत नहीं आएगी। सूत्रों के अनुसार 1,518 क्विटल धान बीज का लक्ष्य शासन से मिला है। अबतक 816 क्विटल धान बीज का ही उठान विभाग ने किया है। अवशेष धान बीज उठान के लिए टालमटोल किया जा रहा है। किसान रामगरीब वर्मा का कहना है कि सामान्य प्रजाति के मुकाबले हाईब्रिड धान का उत्पादन एक एकड़ में उससे अधिक है। उसी लागत में उत्पादन अधिक होने से हाईब्रिड की किसानी ज्यादा फायदेमंद है। उनके अनुसार धान की किसानी में निराई आदि को लेकर मजदूरों का संकट भी, उसकी किसानी कम होने की एक बड़ी वजह है।

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