रक्तदाताओं ने डेंगू काल में भी थामी जिदगी की डोर

कोरोना थमा तो जिले में डेंगू ने दस्तक दे दी। अब तक जिले में 305 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में रक्तदाताओं ने एक बार फिर कमान संभाली और जिला चिकित्सालय के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में प्लेटलेट्स की कमी नहीं होने दी। अब 29 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में इन रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:54 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:54 PM (IST)
रक्तदाताओं ने डेंगू काल में भी थामी जिदगी की डोर
रक्तदाताओं ने डेंगू काल में भी थामी जिदगी की डोर

अयोध्या: कोरोना थमा तो जिले में डेंगू ने दस्तक दे दी। अब तक जिले में 305 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में रक्तदाताओं ने एक बार फिर कमान संभाली और जिला चिकित्सालय के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में प्लेटलेट्स की कमी नहीं होने दी। अब 29 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में इन रक्तदाताओं को सम्मानित भी किया जाएगा।

कोरोना की भयावह दूसरी लहर में जहां आक्सीजन की मारामारी थी तो दूसरी ओर थैलसीमिया, कैंसर आदि गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों के परिजन रक्त के लिए भी भटकते नजर आए थे। जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में भी रक्त का खासा संकट खड़ा हो गया था। जिस ब्लड बैंक में आमतौर पर 300 से 350 यूनिट रक्त की उपलब्धता रहती थी, वहां कोरोना की दूसरी लहर में किसी-किसी दिन तो 30-40 यूनिट रक्त भी नहीं रह गया था। डेंगू के समय भी इसी तरह की समस्या से चिकित्सालयों को जूझना पड़ा। ऐसे में मेजर ध्यानचंद खेल उत्थान समिति, सावन कृपाल रूहानी मिशन समेत अन्य संस्थाओं से जुड़े युवाओं ने बढ़ चढ़ कर रक्तदान किया और जरूरतमंदों को प्लेटलेट्स व रक्त उपलब्ध कराया। मेजर ध्यानचंद खेल उत्थान समिति से जुड़े युवाओं ने 20 जून से 20 अक्टूबर के बीच जिला चिकित्सालय में 97 व सावन कृपाल रूहानी मिशन के तत्वावधान में 75 यूनिट रक्तदान किया। इन दोनों के साथ ही अन्य संस्थाओं ने भी सिर्फ कैंप ही नहीं, बल्कि ऑनकॉल भी लोगों को रक्त उपलब्ध कराया। इसी का नतीजा रहा कि सिर्फ एक डेंगू संक्रमित की मौत हुई, जबकि बाकी की स्थिति खतरे से बाहर है। जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. सीबीएन त्रिपाठी ने बताया कि 29 अक्टूबर को रक्तदाताओं को सम्मानित किया जाएगा।

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