सहस्त्रार चक्र में स्थापित सप्तपुरियों का मस्तक है अयोध्या : सौरव
जेबी अकादमी में कम्युनिटी फ्रेंडली मूवमेंट का संवाद कार्यक्रम. नगरी में स्थित 108 कुंड धार्मिक महत्त्व के साथ वैज्ञानिकता से भी जुड़े.
अयोध्या : अवध, साकेत व रामनगरी के नाम से प्रसिद्ध अयोध्या भारतवर्ष के सहस्त्रार चक्र में स्थापित सप्तपुरियों का मस्तक है। सदियों से संस्कृति, सभ्यताओं, धार्मिक परंपराओं तथा आक्रांताओं को यह नगरी आकर्षित करती रही है। इस पर बारंबार आक्रमण हुआ और पुनर्निर्माण भी। आज भारत के पुनर्जागरण का समय है और राष्ट्र को जाग्रत करना हमारी प्राथमिकता है ढ्ढ यह बातें अयोध्या-सप्तपुरियों की सहस्त्रार विषय पर जेबी अकादमी में आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कम्युनिटी फ्रेंडली मूवमेंट (सीएफएम) के महासचिव सौरव घोष ने कही।
इनटैक की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सप्तपुरियों को जाग्रत करने के लिए 108 अग्निहोत्र का आह्वान आवश्यक है। यहां स्थित 108 कुंड धार्मिक महत्त्व के साथ वैज्ञानिकता से भी जुड़े हुए हैं। यह कुंड आवर्ती सारणी (पीरियाडिक टेबल) में आने वाले 108 तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अग्निहोत्र और प्रत्येक कुंड में देशी पारिस्थितिकी का पुनरुत्थान आसपास के प्राणियों की सामूहिक चेतना को फिर से जगाएगा और हमारी सनातन परंपरा के साथ पूर्ण सामंजस्य में रहने की वैदिक परंपरा को पुनर्जीवित करेगा। उन्होंने बताया कि 108 अग्निहोत्र परियोजना है, कुंडों को जाग्रत कर, अग्निहोत्र द्वारा पंचमहाभूतों को जाग्रत करने की व्यवस्था, जो एक साथ सभी कुंडों पर सूर्योदय व सूर्यास्त के समय की जाएगी।
घोष जल कायाकल्प में वैदिक विज्ञान के अनुप्रयोग के माध्यम से जल संचयन और स्थिरता का निर्माण करने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार के सूखे और सूखा प्रवण क्षेत्रों में जल के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर काम किया है। उन्हें वर्ष 2016 में अशोक फैलोशिप से सम्मानित भी किया गया। चैप्टर संयोजक मंजुला झुनझुनवाला ने मुख्य वक्ता सहित सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह समय अयोध्या के गौरवशाली इतिहास, इसकी समृद्ध परंपरा और अनोखी धरोहर को जानने, पहचानने और इसके लिए कुछ कर गुजरने का है। इस दिशा में काम कर रहे सभी संगठनों को एकजुट होने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में चैप्टर की सह संयोजक अनुजा श्रीवास्तवा, हेरिटेज क्लब, इनटैक के सदस्य एवं स्थानीय कला-संस्कृति के प्रेमी मौजूद रहे।