दायित्व निर्वहन के साथ जवाबदेही भी करनी होगी सुनिश्चित

मुरादाबाद के कांठ थाना से कुछ सीखिए। लंबे समय बाद ही सही इस थाने ने ऐसा कुशल प्रदर्शन किया है कि पूरे देश में कांठ थाना आज प्रशंसा का पात्र है। कांठ एक उदाहरण है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो सर्वश्रेष्ठ बनने में कोई बाधा आड़े नहीं आ सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 11:52 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 11:52 PM (IST)
दायित्व निर्वहन के साथ जवाबदेही भी करनी होगी सुनिश्चित
दायित्व निर्वहन के साथ जवाबदेही भी करनी होगी सुनिश्चित

अयोध्या : मुरादाबाद के कांठ थाना से कुछ सीखिए। लंबे समय बाद ही सही इस थाने ने ऐसा कुशल प्रदर्शन किया है कि पूरे देश में कांठ थाना आज प्रशंसा का पात्र है। कांठ एक उदाहरण है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो सर्वश्रेष्ठ बनने में कोई बाधा आड़े नहीं आ सकती है। अयोध्या सूची में क्यों पीछे रह गई यह जानने के लिए जिले की पुलिसिग में झांक कर देखा गया तो कई कारण सामने आए। पुलिस में जवाबदेही की चिता नहीं है। जनता के साथ बर्ताव में सुधार नहीं दिखता है। दायित्व निर्वहन में भी हीलाहवाली आदत बन चुकी है। कुछ एक अच्छा कर भी रहे हैं, तो अन्य शाखाएं अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में शिथिल हैं। यही वजह है कि गृह मंत्रालय की सूची में अयोध्या पुलिस अपना स्थान सुनिश्चित नहीं कर सकी। फिर भी हताश होने की आवश्यकता नहीं है। थोड़ा है..थोड़े की जरूरत है, जिसे प्राप्त कर लिया गया तो अगली बार अपना भी नंबर पक्का है।

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स्वच्छता में नंबर वन कोतवाली नगर

-कोतवाली नगर स्वच्छता में नंबर वन है। नगर निगम की ओर से कराई स्वच्छता रैंकिग में इसकी पुष्टि होती है। मुख्यालय के सरकारी कार्यालयों में कोतवाली नगर स्वच्छता को लेकर आगे है। कोतवाली परिसर में वृक्ष की छांव पर्याप्त है, लेकिन कुछ कमरों की आवश्यकता यहां महसूस होती है, ताकि कर्मचारियों के साथ ही फरियादियों के बैठने के लिए उपयुक्त स्थान मिल सके। कैंट थाना का भवन पुनर्निमाण की मांग करता है। यहां जनसुनवाई कक्ष की आवश्यकता महसूस की जा रही है। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो थाने के स्वरूप के साथ पुलिस का जनता के प्रति आचरण उसकी छवि का निर्धारण करने में ज्यादा महत्व रखता है। इसलिए जनता के प्रति पुलिस कर्मियों के व्यवहार को सुधारने की बड़े स्तर पर आवश्यकता है। हैदरगंज थाना में बढ़ते अपराध छवि को धूमिल करने वाले हैं। इस क्षेत्र में हुआ आशीष हत्याकांड पुलिस की लापरवाही को लेकर भी चर्चा में रहा।

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लंबित विवेचनाएं

-बीकापुर में 160, कोतवाली अयोध्या में 150, कोतवाली नगर में 150, कैंट में 64, थाना रामजन्मभूमि में 15, महराजगंज में 54, गोसाईंगंज में 72, रुदौली में 75, रौनाही में 80, इनायतनगर में 146, कुमारगंज में 37, खंडासा में 50, तारुन में 60, पूराकलंदर में 52, पटरंगा 26, मवई 42 व महिला थाना में 11 विवेचनाएं लंबित हैं।

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