रामनगरी के नाम एक माह में दो विश्व रिकार्ड

आयुर्वेद कुंभ में एक साथ दो हजार लोगों ने किया सुश्रुत संहिता का पाठ. संत तुलसीदास प्राकृतिक चिकित्सालय परिसर के सभागार में शुरू हुआ दो दिवसीय आयुर्वेद कुंभ.

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:43 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:43 PM (IST)
रामनगरी के नाम एक माह में दो विश्व रिकार्ड
रामनगरी के नाम एक माह में दो विश्व रिकार्ड

अयोध्या : रामनगरी के नाम एक माह की भीतर दूसरा विश्व रिकार्ड दर्ज हो गया। इसी महीने की तीन तारीख को दीपोत्सव में रामकी पैड़ी तट पर नौ लाख 41 हजार 551 दीप जलाए जाने का विश्व रिकार्ड बना और 27 नवंबर को संत तुलसीदास प्राकृतिक चिकित्सालय परिसर के सभागार में आयुर्वेद के दो हजार अध्येताओं ने एक साथ सुश्रुत संहिता का पाठ कर रिकार्ड बनाया है। मौके पर लंदन की व‌र्ल्ड बुक आफ रिका‌र्ड्स के प्रतिनिधि आशीष मिश्र भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद कुंभ का आयोजन कर रही संस्था जीवन अमृत को विश्व रिकार्ड के लिए प्रोवीजनल सर्टीफिकेट प्रदान कर दिया गया है और इस आयोजन के समुचित आकलन के बाद संस्था को विश्व रिकार्ड का फाइनल सर्टीफिकेट दिया जाएगा। विश्व रिकार्ड की गरिमा संतों की मौजूदगी से भी सज्जित हुई। विश्व रिकार्ड बनने के साथ ही आयुर्वेद महाकुंभ का विधि-विधान से उद्घाटन किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य ने कहा, आयुर्वेद संभावना से युक्त हो रहा है और यह मात्र सनातनधर्मियों या भारतीयों के लिए ही नहीं, संपूर्ण विश्व के लिए सुखद है। कुंभ के संरक्षक एवं संकटमोचन सेना के अध्यक्ष महंत संजयदास ने कहा, आचार्य सुश्रुत भारतीय चिकित्सा विज्ञान के गौरव हैं और उनकी कृति सुश्रुत संहिता चिकित्सा के क्षेत्र की अमूल्य धरोहर है। इसे हम जितना शिरोधार्य करेंगे स्वास्थ्य-सुजीवन का मार्ग उतनी ही सरलता से प्रशस्त होता जाएगा। उन्होंने कुंभ के माध्यम से आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाए जाने की जरूरत पर बल दिया। इस मौके पर मंगलभवन पीठाधीश्वर महंत रामभूषणदास कृपालु, हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत बलरामदास, संकटमोचन सेना के कार्यवाहक अध्यक्ष हेमंतदास, डॉ. महेशदास, मुकेशदास आदि मौजूद रहे। मंथन कर तलाशे जा रहे आयुर्वेद के मोती

- महाकुंभ के उद्घाटन से पूर्व ही आयुर्वेद के दिग्गज अध्येताओं के मार्गदर्शन में देश के विभिन्न आयुर्वेद विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के छात्रों ने मंथन से मोती तलाशने शुरू किये। इस दौरान राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बनवारीलाल गौड़, प्रख्यात नाड़ी विशेषज्ञ वैद्यराज तपन, एक अन्य प्रख्यात वैद्य प्रवीण जोशी, हृदय रोग के विशेषज्ञ आयुर्वेदाचार्य प्रो. महेश व्यास, प्रो. जीएस तोमर, प्रो. डीपी आर्या, नरेंद्र गुजारी, अनुज जैन आदि आयुर्वेद के मर्मज्ञों ने विचार रखे। आयोजन समिति से जुड़े वैद्य इंद्रासन प्रजापित एवं अभयनारायण मिश्र के अनुसार दो दिवसीय आयुर्वेद कुंभ के अगले कुछ सत्रों में शीर्ष वैद्यों के व्याख्यान, नवोदित वैद्यों का सम्मान, आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की रथयात्रा संयोजित है। कुंभ के अवसर पर निशुल्क चिकित्सा शिविर भी संचालित हो रहा है। इसमें देश के शीर्ष 50 वैद्यों की सेवा सुलभ हो रही है।

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