गणतंत्र दिवस की परेड में रामनगरी होगी गौरवांवित

गणतंत्र दिवस की परेड में रामनगरी गौरवांवित होगी। परेड में देश की सांस्कृतिक विविधता वाली झांकियों में अयोध्या भी शामिल होगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:08 PM (IST)
गणतंत्र दिवस की परेड में रामनगरी होगी गौरवांवित
गणतंत्र दिवस की परेड में रामनगरी होगी गौरवांवित

अयोध्या : गणतंत्र दिवस की परेड में रामनगरी गौरवांवित होगी। परेड में देश की सांस्कृतिक विविधता एवं महत्ता की परिचायक जिन चुनिदा झांकियों को शामिल किया गया है, उनमें से एक अयोध्या की होगी। अयोध्या थीम पर संयोजित झांकी में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर के मॉडल के साथ गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिका‌र्ड्स में दर्ज हो रहे रामनगरी के दीपोत्सव की छवि प्रस्तुत होगी। 2017 से प्रत्येक वर्ष दीपावली की पूर्व संध्या पर रामनगरी में सज्जित होने वाला दीपोत्सव अपने प्रथम संस्करण से ही एक साथ सर्वाधिक दीप रोशन किए जाने का कीर्तिमान रचने लगा। प्रथम दीपोत्सव में एक लाख 87 हजार, दूसरे दीपोत्सव में तीन लाख 11 हजार, तीसरे दीपोत्सव में पांच लाख और चौथे दीपोत्सव में छह लाख दीप जलाए जाने का कीर्तिमान बना। चतुर्थ दीपोत्सव के ही अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात लाख 50 हजार दीप जलाए जाने की घोषणा कर यह जता दिया कि दीपोत्सव के माध्यम से देदीप्यमान हो रही रामनगरी की संस्कृति के उत्कर्ष का सफर आगे बढ़ता रहेगा और गणतंत्र दिवस की झांकी में दीपोत्सव की झलक प्रस्तुत किए जाने के साथ यह संभावना कहीं अधिक त्वरा-तीव्रता से प्रशस्त हो रही है। झांकी में रामनगरी ही नहीं पूरे देश में छाप छोड़ने वाले दिग्गज पखावज वादक स्वामी पागलदास का भी राग गूंजेगा। पागलदास का साकेतवास हुए सवा दो दशक हो गए हैं, पर उनका अवदान अमर है और यह सच्चाई गणतंत्र दिवस की झांकी से बयां होगी। पागलदास के चित्र के साथ श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग पर आधारित उन्होंने जिस राग परन की रचना की थी, उसे उनके शिष्य विजयरामदास ने अपनी पखावज पर नये सिरे से स्वर दिया है और यही स्वर डेढ़ मिनट की रिकार्डिंग के रूप में गणतंत्र दिवस की झांकी में गूंजेगा। जिस विशेष प्रकार के वाहन टेबलो पर सचल झांकी राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के सामने से राजपथ पर गुजरेगी, उस पर अयोध्या की रामलीला भी रामदरबार की प्रस्तुति के रूप में परिभाषित हो रही होगी। श्रीराम, मां सीता सहित भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न एवं हनुमान जी के स्वरूप में पहले रामनगरी की रामलीला से जुड़े कलाकारों को ही भूमिका करनी थी, पर किसानों के आंदोलन से उपजी अड़चन को ध्यान के रखकर अब राम दरबार संयोजित करने के लिए मथुरा और दिल्ली के कलाकारों का चयन किया गया है।इसके बावजूद झांकी में शामिल रामदरबार की पहचान अयोध्या की रामलीला के रूप में सुनिश्चित की गई है।

आस्था ही नहीं भव्यतम वास्तु का भी परिचायक

- गणतंत्र दिवस की परेड में रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित जिस मंदिर का मॉडल प्रस्तुत किया जाएगा, वह करोड़ों भारतीयों की आस्था के साथ भव्यतम वास्तु का भी परिचायक है। लाल पत्थर से प्रस्तावित राम मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा। मंदिर तीन तल का होगा और प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट होगी। भूतल पर 160, प्रथम तल पर 132 एवं दूसरे तल पर 74 स्तंभ होंगे। मंदिर में 12 द्वार तथा मुख्य शिखर के अलावा पांच उप शिखर होंगे। राम मंदिर सहित संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर 70 एकड़ का है और इस परिसर को कल्चरल कैपिटल आऊफ द व‌र्ल्ड के रूप में विकसित किये जाने का काम चल रहा है।

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