जलभराव से बदतर हुए हालात, नगर निगम नहीं दिला सका मुसीबतों से निजात
लोगों के सामने खान-पान का संकट .नाव से आने-जाने को मजबूर हैं लोग.
अयोध्या: ²श्य एक- रायबरेली रोड स्थित आदित्यनगर पैगापुर में कमर तक पानी भरा हुआ है। लोग इसी पानी के बीच से होकर आने-जाने को मजबूर हैं। रविवार को नगर निगम ने पानी निकालने के लिए पंप लगाया, लेकिन सोमवार से बंद कर दिया। नतीजा, आसपास के क्षेत्रों का भी पानी पैगापुर में एकत्र होने लगा। अब संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
²श्य दो-विनायक नगर, श्रीराम कॉलोनी, वैष्णो नगर में हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। लोगों ने निजी खर्च से नाव की व्यवस्था की है। बारिश थमने के चार दिन बाद भी इन इलाकों से जलभराव दूर करने के लिए नगर निगम कोई कदम नहीं उठा सका है। लोगों में जबर्दस्त नाराजगी है। यह हाल तब है जब इन कॉलोनियों में रहने वाले कई लोग सरकारी विभागों में कार्यरत हैं।
²श्य तीन-अरण्यपुरम्, छोटी मुजहनिया, जलवानपुरा, बड़ी मुजहनिया, बनवारी का पुरवा, मदरहिया आदि में घुटनों तक पानी भरा हुआ है। लोगों का आना-जाना मुश्किल है। छोटे बच्चे घरों में कैद हैं। कई घरों में भी पानी घुस चुका है, लेकिन नगर निगम और प्रशासन पानी निकालने के लिए ठोस कदम नहीं उठा सका है।
²श्य चार-जिगल बेल स्कूल में घुटने से ऊपर पानी भरा हुआ है। विद्यालय में पठन-पाठन ठप है, लेकिन प्रशासन पानी निकालने के लिए अब तक कोई कदम नहीं उठा सका है। विद्यालय प्रशासन निजी संसाधनों से पानी निकालने के लिए प्रयासरत अवश्य है, लेकिन पानी कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है।
शहर की कॉलोनियों का यह हाल तब है, जब बारिश थमे चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में ही जलभराव से त्राहि-त्राहि मची हुई है। लोगों को खान-पान के संकट से जूझना पड़ रहा है। किसी के यहां सब्जियां खत्म हैं तो किसी के यहां खाद्यान्न। इसके साथ-साथ संक्रामक रोगों के फैलने का भी खतरा मंडराने लगा है। आलम यह है कि लोग किसी तरह जीवन-यापन करने को मजबूर हैं। जनौरा, सिरसिडा, हासापुर समेत अन्य क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर है। सिरसिडा में स्थानीय निवासियों ने जलनिकासी के लिए निजी खर्चे पर पंप लगवाया। प्रधान रामतेज, पारसनाथ पाठक, भानु प्रताप सिंह, जाबिर खान, रविप्रकाश सिंह आदि ने जल्द से जल्द जल निकासी कराने की मांग की है। आदित्यनगर पैगापुर निवासी बृजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो पलायन को मजबूर होना होगा। नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने जलभराव से प्रभावित सीता कुंड, मौनीबाबा, हलकारा का पुरवा, खजुआ कुंड, श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड में सरस्वती नगर कॉलोनी आदि क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में संसाधनों का प्रयोग कर त्वरित जल निकासी का निर्देश दिया है। निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त शशिभूषण राय, सहायक नगर आयुक्त हरिश्चंद्र सिंह, सहायक अभियंता राम कुमार तिवारी, मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक क्षितिज मिश्र, कमल कुमार आदि उपस्थित रहे। बढ़ाई जा रही नालों की गहराई
शहर में व्याप्त जलभराव पर अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद का कहना है कि वर्तमान समय में 20 पंप लगाकर जल निकासी की जा रही है। गद्दोपुर क्षेत्र में एनएचएआई से निर्मित नाले का तल ऊंचा होने से जलनिकासी नहीं हो पा रही है। समस्या के निस्तारण के लिए जेसीबी से नाले की गहराई बढ़ाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि की वजह से यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है, जिससे युद्ध स्तर पर निपटा जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। जलभराव की समस्या के निस्तारण के लिए निगम ने स्थापित कंट्रोल स्थापित किया है जहां 18003131277 नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। बारिश ने बढ़ाया दर्द
जलभराव से ग्रसित क्षेत्रों के निवासियों का दर्द मंगलवार की शाम को और बढ़ गया। शाम करीब पांच बजे घने बादलों ने डेरा डाल दिया और बारिश भी हुई। इससे कुछ क्षेत्रों में जलभराव का स्तर और बढ़ गया। हालांकि मंगलवार को दिन भर धूप निकली रही, लेकिन दोपहर तीन बजे से बादलों की उमड़-घुमड़ शुरू हो गई। शाम पांच बजे हवा की रफ्तार तेज होने के साथ घने बादलों ने डेरा डाल दिया और बारिश शुरू हो गई। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बुधवार को भी हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 33 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम आर्द्रता 89 व न्यूनतम 55 फीसद रही। बरसात में गिरा घर
अयोध्या: बरसात का कहर का थमने का नाम नहीं ले रहा है। विकासखंड पूराबाजार के मोहतसिमपुर गांव निवासी विधवा शारदा देवी का कच्चा मकान गिर गया। अब उनके सामने सिर छिपाने का संकट है। पूर्व प्रधान गोपीनाथ वर्मा ने यह जानकारी लेखपाल को दी है। शारदा ने बताया कि पति की मौत होने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने से पुश्तैनी खपरैल के मकान में जीवन यापन कर रही थी। इसी तरह विकास खंड तारुन के घूरीटीकर मजरे चका गांव निवासी रणजीत यादव का भी छप्पर का मकान ढहने से उसमें रखा गृहस्थी का सामान दब गया। गयासपुर मजरे मठिया गांव निवासी सभाजीत निषाद के मकान पर नीम का पेड़ गिर जाने से उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।