विचारों को मूर्त रूप दे बन सकते हैं देश की प्रगति में सहयोगी
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं विज्ञान भारती अवध प्रांत के संयुक्त संयोजन में फ्यूचर रिस्ट्रक्चरिग थ्रू इनोवेशन विषय पर तीन दिनी वर्चुअल वर्कशॉप की शुरुआत हुई.
अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं विज्ञान भारती अवध प्रांत के संयुक्त संयोजन में 'फ्यूचर रिस्ट्रक्चरिग थ्रू इनोवेशन' विषय पर तीन दिनी वर्चुअल वर्कशॉप की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहाकि इनोवेशन के लिए सरकार आर्थिक रूप से सहायता भी प्रदान कर रही है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहाकि युवा अपने विचारों को मूर्त रूप देने और स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ देश की प्रगति में सहयोग करें। विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे ने राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने की वकालत की। कहाकि नवाचार सिर्फ शो केस नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी लाभप्रद होना चाहिए।
अवध विवि के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहाकि आपदा में संभावनाओं को तलाशने के लिए हमें असंभव को संभव बनाना होगा। तभी हम अपने मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं। किसी भी संस्था को मार्केट में बने रहने एवं इकोनामिक ग्रोथ में भागीदार बनने में इनोवेशन की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। कुलपति ने कहाकि समाज की डिमांड इकोनॉमिक एवं एजुकेशनल के साथ एनवायरमेंटल ग्रोथ भी है। नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के वाइस चेयरमैन एनपी राजीव ने कहाकि किसी भी क्षेत्र में कार्य करते समय समस्याएं आती हैं और वही समस्या इनोवेशन की जननी है। तकनीकी सत्र में मिट्टी कूल के संस्थापक मनसुख भाई प्रजापति ने मिट्टी से बने इनोवेशन की जानकारी साझा की।कहा, मिट्टी के बर्तन, फ्रिज, तावा, प्रेशर कुकर आदि का निर्माण किया गया है, जिसका प्रयोग दुनिया के कई वैज्ञानिक और डॉक्टर भी कर रहे है। विवि की प्लेसमेंट सेल की निदेशक डॉ. गीतिका श्रीवास्तव एवं मनीषा यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया गया। विज्ञान भारती अवध प्रांत के चीफ कोऑर्डिनेटर इनोवेशन भारत मिशन के संदीप द्विवेदी एवं विज्ञान भारती के श्रेयांश मंडोली ने आभार व्यक्त किया। आयोजक राजीव कुमार ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाली वर्कशाप में इनोवेशन पर विचार-विमर्श होगा।