अविवि के दस करोड़ के भ्रष्टाचार की ईओडब्ल्यू जांच शुरू

अवध विश्वविद्यालय में तकरीबन दस करोड़ के भ्रष्टाचार की ईओडब्लू जांच शुरू हो गई। जांच का जिम्मा ईओडब्ल्यू के वाराणसी जोन को सुपुर्द किया गया है। इस सिलसिले वाराणसी से विवेचक अयोध्या पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 11:48 PM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 11:48 PM (IST)
अविवि के दस करोड़ के भ्रष्टाचार की ईओडब्ल्यू जांच शुरू
अविवि के दस करोड़ के भ्रष्टाचार की ईओडब्ल्यू जांच शुरू

अयोध्या: अवध विश्वविद्यालय में तकरीबन दस करोड़ के भ्रष्टाचार की ईओडब्लू जांच शुरू हो गई। जांच का जिम्मा ईओडब्ल्यू के वाराणसी जोन को सुपुर्द किया गया है। इस सिलसिले वाराणसी से विवेचक अयोध्या पहुंचे। पहले उन्होंने नगर कोतवाली में दर्ज केस के बारे में जानकारी हासिल की और बाद में अवध विश्वविद्यालय में पक्षकारों से मिलकर उनसे बातचीत की। तीन चार दिन बाद दोबारा जांच अधिकारी विश्वविद्यालय में पक्षकारों का बयान दर्ज कराने आएंगे। तत्कालीन कुलपति प्रो.जीसीआर जायसवाल व कुलसचिव एएम अंसारी को एसआइटी जांच में जिम्मेदार ठहराया गया है। नगर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हैं। पहला केस डॉ. अनिल यादव ने दर्ज कराया और बाद में शासन के सख्त रुख के बाद दूसरा मामला तत्कालीन कुलपति के निर्देश पर चीफ प्रॉक्टर प्रो. अजय प्रताप सिंह ने दर्ज कराया था। आरोपियों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं।

ये है घटनाक्रम

अयोध्या: अवध विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार की जांच नवंबर 2017 में हुई। 24 जून 2019 को शासन ने कार्यवाही के निर्देश दिए। कई माह तक विवि केस दर्ज नहीं करा सका। बाद में शिकायतकर्ता ने स्वयं केस दर्ज कराया। यह भ्रष्टाचार एसआईटी जांच में सामने आया। जांचकर्ताओं ने तत्कालीन कुलसचिव व कुलपति सहित अन्य लोगों पर जिम्मेदारी तय की। जांच के बाद रिपोर्ट को मंडलायुक्त ने शासन को भेजा था।

नैक मूल्यांकन व दीक्षांत समारोह की तैयारी समय से करें पूरी: कुलपति

अयोध्या: अवध विश्वविद्यालय में प्रस्तावित नैक मूल्यांकन व दीक्षांत समारोह की तैयारी तेज हो गई है। कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने इन दोनों आयोजनों के मद्देनजर अधिकारियों व संयोजकों की बैठक की। कुलपति ने संयोजकों को बताया कि चार से छह मार्च तक नैक मूल्यांकन होना है। 15 मार्च की जगह अब 14 मार्च को दीक्षांत समारोह होगा। कुलपति ने कहा कि जिसे जो भी कार्य आवंटित किए गए हैं, वह उसे पूरी तन्मयता से समय के भीतर पूरा करें। 25 फरवरी तक हर हाल में तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया गया। कुलपति ने अवकाश के दिनों में तैयारी करने को कहा। उन्होंने बताया कि टीम परिसर के विभागों का दौरा करेगी। सभी विभागाध्यक्षों को दस मिनट का पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देना होगा, जिसमें विभाग की उपलब्धि व शिक्षकों की प्रोफाइल, उपस्थिति पंजिका, प्रायोगिक उपकरणों के रखरखाव की जानकारी होगी। बताया कि टीम के सदस्य छात्र-छात्राओं से संवाद करेंगे। अधिकारियों को अपने-अपने अनुभागों को तैयार रखने का निर्देश दिया। बताया कि इस बार कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दीक्षांत समारोह होगा। इसके लिए 17 कमेटियों का गठन किया गया है।

बैठक में मुख्य नियंता प्रो.अजय प्रताप सिंह, प्रो.अशोक शुक्ला, प्रो. चयन कुमार मिश्र, प्रो. आरके तिवारी, प्रो.केके वर्मा, प्रो. एसके रायजादा, प्रो. एसएस मिश्र, प्रो.आरके सिंह, प्रो. फारुख जमाल, प्रो. नीलम पाठक, प्रो. राजीव गौड़, प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. विनोद श्रीवास्तव, प्रो. रमापति मिश्र, प्रो. शैलेंद्र कुमार वर्मा, प्रो.शैलेंद्र कुमार, डॉ. नरेश चौधरी व कुलसचिव उमानाथ सहित अन्य मौजूद रहे।

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