करोड़ों के घपले में सात इंजीनियरों को चार्जशीट

अयोध्या : डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा संकुल, डाभासेमर के निर्माण में कार्यदायी संस्था सी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 11:11 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 06:07 AM (IST)
करोड़ों के घपले में सात इंजीनियरों को चार्जशीट
करोड़ों के घपले में सात इंजीनियरों को चार्जशीट

अयोध्या : डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा संकुल, डाभासेमर के निर्माण में कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस (जल निगम) के कई इंजीनियर करोड़ों के घपले में फंस गए हैं। इनमें कई परियोजना प्रबंधक व स्थानिक अभियंता शामिल हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य यह है कि ये सभी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

घपले की रकम पांच करोड़ से अधिक बताई जा रही है। जिनके खिलाफ आरोप पत्र जारी हुआ है, उनके नाम बीपी सिंह, बीएम वर्मा, आरडी प्रसाद, बीएन वर्मा (सभी पीएम) आरपी सिंह, एपी पांडेय व एसके शुक्ल स्थानिक अभियंता (जेई) बताए गए हैं। सीएंडडीएस के निदेशक जीसी दुबे के अनुसार आरोपपत्र जारी कर रिकवरी की तैयारी है। कार्यदायी संस्था को निर्माण पूरा करने के लिए अभी कम से कम 50 करोड़ रुपये की जरूरत है। ये धनराशि मिलने के बाद ही निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा।

घपले की धनराशि निर्माण कार्य व सामग्री खरीद के भुगतान के मापन से अतिरिक्त है। परियोजना प्रबंधक डीएस शुक्ल के अनुसार स्वीमिगपुल, मल्टीपरपज हाल, हॉकी स्टेडियम, सिथेटिक रनिग ट्रैक आदि कई निर्माण पूरा हो चुका है। क्रिकेट स्टेडियम व आडोटेरियम का निर्माण पूरा होना है। लागत में वृद्धि की वजह वह निर्माण सामग्री की कीमत बढ़ने व अतिरिक्त निर्माण बताते हैं। इंजीनियरों के खिलाफ जारी आरोपपत्र तामीला कराने को वह स्वीकारते हैं।

यह स्टेडियम वर्ष 2006 से निर्माणाधीन है। 12 वर्ष बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में मंजूर स्टेडियम को उस वक्त जिले के लिए बड़ी उपलब्धि मानी गई थी, तब लागत करीब 80 करोड़ रही। तत्कालीन मंत्री आरके चौधरी ने इसे मंजूर कराया था। समय से धनराशि न मिलने से लागत करीब 55 करोड़ बढ़ 133 करोड़ जा पहुंची। शासन से बढ़ी धनराशि मिली, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। निर्माण पूरा करने के लिए फिर से पुनरीक्षित आगणन शासन को भेजने की तैयारी में कार्यदायी संस्था है।

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