नगर निगम के लिए चुनौती बना 130 मीट्रिक टन कूड़ा

शहरी क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाला 130 मीट्रिक टन कूड़ा नगर निगम के चुनौती बन गया है। इसकी वजह कूड़ा निस्तारण के पुख्ता प्रबंध का न होना है। नगर निगम क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले 130 मीट्रिक टन कूड़े में से महज 115 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रसंस्करण केंद्र के माध्यम से हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 11:02 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 11:02 PM (IST)
नगर निगम के लिए चुनौती बना 130 मीट्रिक टन कूड़ा
नगर निगम के लिए चुनौती बना 130 मीट्रिक टन कूड़ा

अयोध्या : शहरी क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाला 130 मीट्रिक टन कूड़ा नगर निगम के चुनौती बन गया है। इसकी वजह कूड़ा निस्तारण के पुख्ता प्रबंध का न होना है। नगर निगम क्षेत्र से प्रतिदिन निकलने वाले 130 मीट्रिक टन कूड़े में से महज 115 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रसंस्करण केंद्र के माध्यम से हो पा रहा है। शेष कचरा शहर में जहां-तहां डंप कर दिया जा रहा है। हालांकि इस कूड़ा डंपिग में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि स्थान आबादी से दूर हो, लेकिन शहर के कुछ हिस्सों में कूड़ा डंप होते हुए देखा जा सकता है। अफीम कोठी के पीछे पंचकोसी परिक्रमा मार्ग भी इससे अछूता नहीं है। इस समस्या के समाधान का विकल्प ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट को माना जा रहा है, लेकिन अभी तक इसके लिए भूमि का चयन नहीं हो सका है।

शहर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम को दो हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। इस भूमि पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट को लगाया जाना है। नगर पालिका का कार्यकाल रहते इस प्लांट के लिए भूमि चयन का कार्य चल रहा है। यह भूमि एयरपोर्ट से दस किलोमीटर दूर होनी चाहिए। भूमि की तलाश पूरी ही नहीं हो पा रही है। जमीन का चयन करने के लिए नगर निगम ने एकबार फिर कवायद तेज की है। सोहावल, सिड़हिर, ड्योढ़ी में जमीनें देखी गई है। माना जा रहा है कि इन्हीं भूमि में से एक को नगर निगम क्रय करेगा। अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद सिंह ने कहाकि भूमि की तलाश जल्द ही कर ली जाएगी।

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