उष्ण कटिबंधीय रोग की रोकथाम पर हुई कार्यशाला

संवाद सहयोगी सैफई उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में उपेक्षि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:34 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:34 PM (IST)
उष्ण कटिबंधीय रोग की रोकथाम पर हुई कार्यशाला
उष्ण कटिबंधीय रोग की रोकथाम पर हुई कार्यशाला

संवाद सहयोगी, सैफई : उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोग की रोकथाम के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कुलपति प्रो. (डा.) रमाकांत यादव ने बताया कि उष्ण कटिबंधीय रोग से तात्पर्य एसकेरियरस इंफेक्शन फाइलेरियासिस, डेंगू, लेप्रोसी, जापानी बुखार, ट्रेकोमा तथा रेबीज से है। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. (डा.) पीके जैन ने बताया कि यह रोग भारत में काफी अधिक फैले होने के उपरांत भी उपेक्षित है। इन बीमारियों से भारत के शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र प्रभावित हैं। यह बीमारियां भारत में जलवायु उष्ण होने के कारण अधिक फैली हुई हैं। कार्यशाला का आयोजन विश्व स्वास्थ संगठन तथा पाथ इंडिया के सहयोग से किया गया। कार्यशाला में डा. धीरज श्रीवास्तव, डा. अमित सिंह, डा. ग्रंथ कुमार, डा. अभिनव गंगवार, डा. नित्यानंद, डा. शोएब, डा. दीपक ने व्याख्यान दिए। डा. संदीप कुमार, डा. विद्यारानी, डा. एसके शुक्ला, डा. नरेश पाल सिंह, डा. प्रशांत वाजपेयी एवं पीजी छात्र उपस्थित रहे। कौन से हैं उष्ण कटिबंधीय रोग

एस्कारियासिस, अंकुश कृमि, ट्राइकोराइसिस, डेंगू बु़खार, लसीका फाइलेरियासिस, रोहे, सिस्टसरकोसिस, कुष्ठरोग, इचिचोकोसिस, काला अ•ार, और रेबी•ा उन उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोगों में से हैं।

यह होती हैं उष्ण कटिबंधीय बीमारियां

डब्ल्यूएचओ के अनुसार उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय बीमारियां वे बीमारियां होती हैं जो उष्ण व उपोष्ण कटिबंध में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले गरीब लोगों को प्रभावित करती हैं। जापानी इंसेफलाइटिस, डेंगु बुखार, कुष्ठ रोग, क्लेमाइडिया, बुरुलाई अल्सर, चैगास बीमारी आदि इसके उदाहरण हैं।

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