इटावा जंक्शन पर पांच दिन से पानी के लिए हायतौबा
जागरण संवाददाता इटावा कहने को इटावा रेलवे स्टेशन जंक्शन और आदर्श स्टेशन का दर्जा प्राप्त है। धरातल पर हालात इसके विपरीत ही नजर आते हैं। बीते पांच दिनों से आम यात्री पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। दूरदराज जाने पर ही पानी नसीब हो रहा है।
जागरण संवाददाता, इटावा : कहने को इटावा रेलवे स्टेशन जंक्शन और आदर्श स्टेशन का दर्जा प्राप्त है। धरातल पर हालात इसके विपरीत ही नजर आते हैं। बीते पांच दिनों से आम यात्री पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। दूरदराज जाने पर ही पानी नसीब हो रहा है। पानी की इस किल्लत से यात्रियों के साथ रेलवे कर्मी तथा उनके परिजन भी इस भीषण गर्मी के दौर में त्रस्त हैं लेकिन रेलवे प्रशासन इस ओर कोई तवज्जो नहीं दे रहा है। इटावा जंक्शन के माध्यम से रोजाना 12 से 13 हजार यात्री सफर कर रहे हैं। दिन-रात यात्रियों का आवागमन होता रहता है। इसके बावजूद पानी की समुचित आपूर्ति पर तवज्जो नहीं दी जा रही है। अक्सर वॉटर पोस्ट बंद ही रहते हैं और वॉटर कूलर शो-पीस साबित हो रहे हैं। आम यात्री गला तर करने के लिए काफी परेशान होकर दूरदराज से पानी प्राप्त करते हैं। पानी की यह किल्लत अर्से से चली आ रही है लेकिन बीते पांच दिनों से काफी बदहाली का आलम है। 20 रुपये की बिक रही पानी की बोतल भीषण गर्मी के चलते पानी की मांग काफी ज्यादा है, जंक्शन पर रेलवे वॉटर पोस्ट अक्सर बंद रहने से पानी की बोतलों की बिक्री काफी हो रही है। रेलवे में एक लीटर पानी की बोतल की कीमत 15 रुपये है लेकिन भीड़ होने पर 20 रुपये में बोतल बेची जा रही है। ट्रेन के ठहराव करने के दौरान पानी की बोतल की काफी मांग जनरल कोचों में होती है। मरता क्या न करता कि स्थिति में ट्रेनों में सवार यात्री महंगा पानी पीने को विवश हैं। कालोनियों में हाय-तौबा पानी की किल्लत स्टेशन पर ही सीमित नहीं है बदहाली का आलम रेलवे कालोनियों में भी व्याप्त है। अजय सिंह, श्रीकृष्ण सहित कई कर्मियों का कहना है कि पानी की समस्या से सभी परेशान हैं, पानी की इतनी कम आपूर्ति की जाती है कि पीने के लिए बाहर से पानी लाना पड़ता है। पाइप लाइन लीकेज होने से यह दिक्कत हो गई थी, तेजी से कार्य कराकर पाइप लाइन सही करा ली गई है। अब पानी की समुचित आपूर्ति होती रहेगी। पीएम मीना, स्टेशन अधीक्षक हेम कुमार शर्मा