महिला अधिवक्ता से बदसलूकी में तीन दारोगा कोर्ट में तलब
जागरण संवाददाता इटावा करीब तीन साल पूर्व महिला अधिवक्ता से बदसलूकी करने तथा उनके पति के
जागरण संवाददाता, इटावा : करीब तीन साल पूर्व महिला अधिवक्ता से बदसलूकी करने तथा उनके पति के खिलाफ अनाधिकृत रूप से रिवाल्वर रखने का मामला दर्ज कराना तीन दारोगाओं के लिए कानूनी कार्रवाई का सबब बन गया है। विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट सुरेश चंद्र भारती ने तीनों दारोगाओं को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए आगामी 31 अगस्त को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश जारी किया है।
जिला बार एसोसिएशन (डीबीए) के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह गौर तथा महामंत्री देवेंद्र पाल ने बताया कि पीड़िता अधिवक्ता हंसमुखी शंखवार अपने पति बलराम सिंह के साथ 19 अक्टूबर 2018 को रात आठ बजे शहर में अपने आवास से रामलीला मैदान की ओर जा रहे थे। इसी दौरान पड़ोस में झगड़ा होने की जानकारी मोबाइल फोन से मिली तो वे पति के साथ कोतवाली सदर पहुंच गई। वहां दोनों पक्षों को समझाबुझाकर राजीनामा करा दिया। इसकी जानकारी वहां मौजूद दारोगा जेपी शर्मा, जब्बार अली तथा नीरज शर्मा को दी तो वे दस हजार रुपये की मांग करने लगे। मना करने पर जातिसूचक व अशोभनीय भाषा का प्रयोग की। पीड़िता ने बताया कि अधिवक्ता होने के साथ कांग्रेस नेता हूं और लोकसभा की प्रत्याशी रह चुकी हूं। इस पर तीनों दारोगाओं का पारा और चढ़ गया। सिपाहियों को बुलाकर मारपीट कराई तथा बगैर महिला सिपाही के तलाशी कराकर रिवाल्वर ले ली। पति को हिरासत में लेकर अगले दिन आर्म्स एक्ट का अभियोग दर्ज करके न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
तत्कालीन डीबीए अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद सिंह गौर ने एसएसपी से लेकर अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब कोतवाली के सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर दो फरवरी 2019 को उपरोक्त न्यायालय में परिवाद दाखिल किया। लगातार पैरवी किए जाने पर विशेष न्यायाधीश सुरेश चंद्र भारती ने यह आदेश किया है। कांग्रेस शहर अध्यक्ष पल्लव दुबे, डीबीए प्रवक्ता रामसरन सिंह यादव, मैराज अली, हरविलास सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद थे।