स्वजन के गले नहीं उतर रही गौरव व हिमांशु के हत्या करने की बात
संवाद सूत्र बकेवर कानपुर में दंपती व बालक की हत्या के मामले में गिरफ्तार गौरव शुक्ला व हि
संवाद सूत्र, बकेवर : कानपुर में दंपती व बालक की हत्या के मामले में गिरफ्तार गौरव शुक्ला व हिमांशु चौहान के हत्या करने की बात पर स्वजन व गांव वालों को यकीन नहीं हो रहा कि ये दोनों किसी की हत्या भी कर सकते हैं। नगला हरचंदी गांव के रहने वाले गौरव शुक्ला का पूरा परिवार बकेवर कस्बा में रहता है। जबकि हिमांशु चौहान के घर वाले राहतपुरा गांव में ही रहते हैं। गौरव व उसका परिवार तीन साल पहले तक कानपुर में ही फजलगंज के पास ही गड़रियन पुरवा में रहता था। प्रेमकिशोर से काफी संपर्क भी था। जबकि हिमांशु चौहान से प्राइवेट नौकरी को लेकर किसी युवक ने संपर्क कराया था। कानपुर के फजलगंज चौराहे के पास चार दिन पूर्व हुई व्यवसायी प्रेम किशोर उनकी पत्नी ललिता व 11 वर्षीय पुत्र की हत्या के मामले के आरोपी गौरव शुक्ला व हिमांशू चौहान बकेवर थाना क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। गौरव शुक्ला नगला हरचंदी गांव का तथा हिमांशू चौहान महेवा के पास स्थित राहतपुर गांव का रहने वाला है।
गौरव के हत्या करने की खबर छपने के बाद गौरव शुक्ला के घर के आसपास के लोग भी स्तब्ध हैं। पुलिस के पकड़ने के बाद गौरव के घर को जाने पर लोगों की निगाहें आपस में ही फुसफुसाहट करने लगती हैं। गौरव शुक्ला के घर पर मौजूद गौरव की मां गिरजा शुक्ला बताती हैं कि उसे यकीन नहीं है कि गौरव लूट कर किसी की हत्या भी कर सकता है। गिरजादेवी बताती है कि उनके पति महेश चंद शुक्ला तीन साल पहले तक कानपुर नगर में ही एक कंपनी में काम करते थे। दोनों बेटों गौरव व गुड्डू सहित कानपुर में गड़रियन पुरवा में रहते थे। प्रेम किशोर से सम्पर्क था। प्रेमकिशोर कि दूध की दुकान थी तो जरुरत पड़ने पर घर जाना आना था। पति अब पेंशन के संबंध में कानपुर जाते आते हैं। गुड्डू बड़ा पुत्र है गौरव छोटा है। गुड्डू अपनी पत्नी संध्या व दोनों छोटे बच्चों बिट्टी 4 साल, लला 6 साल के साथ घर में अलग रहता है। पति ने बकेवर में ही छोटी सी परचून की दुकान खोल ली थी। गौरव बेरोजगार था लेकिन दो माह पूर्व मुहल्ले के किसी युवक ने हिमांशू से प्राइवेट नौकरी लगवाने को लेकर संपर्क कराया था। करीब डेढ़ माह पूर्व ही वह नौकरी करने नोएडा बता कर गया था। राहतपुर गांव के रहने वाले हिमांशू चौहान की मां गुड्डी देवी व पिता बृजेश चौहान को भरोसा नहीं हो रहा कि उनका बेटा लूटकर किसी की हत्या कर सकता है। बाबा अपरबल सिंह कहते हैं कि हिमांशू मेहनत मजदूरी से कमाने वाला है। परिवार गरीब है। मुफलिसी में गुजारा होता है। बृजेश खेतीबाड़ी करते हैं। लोगों से कर्जा लेकर मदद से थोड़ा बहुत सिर छुपाने लायक घर बनवाया है। परिजनों को गांव वालों को मंगलवार को हिमांशू की खबर छपने के बाद जानकारी हुई। हिमांशू नोएडा में कोई प्राइवेट नौकरी करने गया। फिर अभी एक माह से कानपुर में नौकरी करने की बात बताई थी।