गांव में हो गया पौधारोपण प्रधान व सचिव को पता नहीं

- ब्लाक ताखा में कई ग्राम पंचायतों में पौधारोपण के नाम पर घोटाला फोटो नं. 2 संवाद सूत्र ऊ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:14 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:14 PM (IST)
गांव में हो गया पौधारोपण प्रधान व सचिव को पता नहीं
गांव में हो गया पौधारोपण प्रधान व सचिव को पता नहीं

- ब्लाक ताखा में कई ग्राम पंचायतों में पौधारोपण के नाम पर घोटाला फोटो नं. 2 संवाद सूत्र, ऊसराहार : ताखा में अब एक और घोटाले का जिन्न निकलकर सामने आया है। पौधारोपण के नाम पर ताखा की कई ग्राम पंचायतों से लाखों रुपये डकार लिए गए हैं। एक अकेली ग्राम पंचायत शेखपुरा पचार से एक लाख अस्सी हजार रुपये का पौधारोपण हो गया और पंचायत के ग्राम प्रधान व सैक्रेटरी को पता तक नहीं चला। जिससे साफ है कि कागजों पर पौधारोपण कर ब्लाक कर्मचारियों की मिलीभगत से मनरेगा का व्यापक पैमाने पर रुपया डकार लिया गया है। पूरे मामले की शिकायत ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी को भेजी है। ताखा में पशुटीन शेड घोटाले की जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज हुए अभी तीन दिन हुए हैं कि दूसरे घोटाले की कलई खुलकर सामने आने लगी है।

ताखा में इसी वर्ष सभी ग्राम पंचायतों में निशुल्क पौधारोपण व्यापक पैमाने पर कराया गया था। बताया जाता है इसके लिए वन विभाग की नर्सरी ने प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए दो-दो हजार से अधिक पौधे दिए थे। वास्तव में तो सभी ग्राम पंचायतों में इन पौधों का ही पौधारोपण नहीं हो पाया लेकिन ताखा में इसी बीच ब्लाक कर्मचारियों की मिली भगत से कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा से पौधारोपण कर दिया गया और लाखों रुपये का भुगतान जनपद से बाहर एक नर्सरी की फर्म को कर दिया गया। सरकारी पैसे को डकारने के लिए पंचायत में छायादार पौधों की कीमत कागजों पर एक हजार रुपया तक दिखाकर भुगतान दिया गया। जबकि धरातल पर कोई पौधा लगाया ही नहीं लगाया गया। शेखपुरा ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान जगतश्री एवं उनके पुत्र रजनीश व पंचायत सैक्रेटरी शिवम ने बताया उनकी ग्राम पंचायत में मनरेगा से कागजों पर पौधारोपण कर लगभग दो लाख रुपये ब्लाक कर्मचारियों की मिली भगत से निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया इसकी शिकायत उन्होंने खंड विकास अधिकारी ताखा पीएन यादव से कर दी है और जिलाधिकारी को भी पत्र भेजकर पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर पूरे धन की रिकवरी कराने की मांग की। 2211 रुपये में खरीदी दो किलो गोबर की खाद ताखा की ग्राम पंचायत शेखपुरा पचार में मनरेगा से पौधारोपण में सबसे पहले सूखा रोधन के लिए आठ से 12 फीट के पौधों के लिए पचास हजार का भुगतान किया गया। फिर प्लांटेशन के नाम पर चालीस हजार का भुगतान किया गया। बाद में 91 हजार 590 रुपये का भुगतान भी पौधारोपण के लिए किया गया है। जिसमें दो वर्षीय पिडी के 23 पौधों का भुगतान एक हजार की दर से, गोलमोहर जैसे छायादार 23 पौधों का भुगतान 700 रुपये की दर से, अशोक जैसे 45 पौधों का भुगतान 300 रुपया की दर से एवं आठ से 12 फीट के 80 पौधों का भुगतान 211 की दर से किया गया है। इतना ही नहीं दस गड्ढों में दो किलो गोबर की खाद के लिए भी 2211 रुपया की दर से 22 हजार 110 रुपया का भुगतान कर दिया गया। जबकि पंचायत में एक भी पौधा लगाया ही नहीं गया। पूरे भुगतान की डिटेल को मनरेगा की साइट पर भी डाला गया है। बाहर की नर्सरी को किया गया भुगतान ग्राम पंचायत में सभी पौधों का भुगतान भी एमएस ग्रीन वर्ड नर्सरी को किया गया है। यह नर्सरी भी इटावा जनपद से बाहर की बताई जाती है। जबकि इटावा जनपद में ही कई नर्सरी भुगतान किए गए पौधों को इससे कई गुना कम दर पर बेंच रहीं हैं। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर जनपद के बाहर से पौधों की खरीद क्यों की गई। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी पीएन यादव ने बताया पूरे मामले की जांच की जा रही है। कार्यालय में बाबू के न आने से फाइल नहीं मिल रही है। पूरे मामले की जानकारी भी मुख्य विकास अधिकारी को दे दी गई है।

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