आरोप से मुकरने पर वादी को मिली सजा
जागरण संवाददाता इटावा पुत्री की दहेज हत्या के आरोप से मुकरने पर आरोपित तो आरोपमुक्त
जागरण संवाददाता, इटावा : पुत्री की दहेज हत्या के आरोप से मुकरने पर आरोपित तो आरोपमुक्त हो गया लेकिन जनपद न्यायाधीश उमेश चंद्र शर्मा की नजर में वादी पक्षद्रोही प्रतीत हुआ। इसके तहत उसे सात दिन की कारावास तथा 500 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इससे न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले पक्षद्रोही वादियों और गवाहों में कानून का भय व्याप्त हुआ।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि 27 अगस्त 2017 को थाना सैफई क्षेत्र में रोशनी की संदिग्ध हालात में फांसी पर लटकने से मौत हो गई थी। उस समय रोशनी के पिता रविद्र सिंह ग्राम गड़रिया सैफई ने रोशनी के पति अमित उर्फ कालिया के खिलाफ दहेज में मोटर साइकिल न मिलने पर प्रताड़ित करते हुए पुत्री को फांसी पर लटकाकर मार डालने का अभियोग विभिन्न धाराओं में थाना सैफई में दर्ज कराया था। तत्कालीन सीओ सैफई ने मामले की विवेचना करके आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। न्यायालय में साक्ष्य होने पर वादी रविद्र सिंह पूर्व के आरोप से मुकर गया और बयान दर्ज कराया कि पति-पत्नी प्रेम पूर्वक रह रहे थे जिस दिन घटना हुई उस दिन अमित बकरा बेचने बाहर गया हुआ था। इसी तरह अन्य गवाह भी मुकर गए। जनपद न्यायाधीश उमेश चंद्र शर्मा ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए निष्कर्ष निकाला कि वादी ने मिथ्या एफआइआर दर्ज कराई है। मिथ्या आधार पर किसी को फंसाना तथा झूठी गवाही देना गंभीर घटना है। इसके तहत ऐसे लोगों को दंडित किया जाना उचित है। इसी के तहत उपरोक्त सजा सुनाई।