तालाब की जमीन को बंजर दर्शाकर किए गए पट्टे खारिज

संवाद सहयोगी भरथना ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुर्रा में लगभग 45 साल पहले तालाब की भूमि को

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:43 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:43 PM (IST)
तालाब की जमीन को बंजर दर्शाकर किए गए पट्टे खारिज
तालाब की जमीन को बंजर दर्शाकर किए गए पट्टे खारिज

संवाद सहयोगी, भरथना : ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुर्रा में लगभग 45 साल पहले तालाब की भूमि को बंजर दर्ज कर उस पर किए गए पट्टों को खारिज किया गया है। यह पट्टे राजस्व विभाग की सांठगांठ से किए गए थे। कुर्रा क्षेत्र में हुई चकबंदी के दौरान यह मामला उजागर होने से पट्टेदारों में खलबली मची है। चकबंदी अधिकारी अवधेश गुप्ता ने फर्जी रूप से तालाब की जमीन पर किए गए पट्टों को एक दिसंबर को खारिज करने का आदेश जारी कर दिया है। अवैध रूप से पट्टे स्वामियों के कब्जे से लगभग 160 बीघा जमीन को मुक्त कराया जाएगा। ग्राम कुर्रा के खाता संख्या 367 में लगभग 25 गाटे अंकित हैं, जिनका रकबा लगभग 160 बीघा तालाब के नाम दर्ज है। कई वर्ष पूर्व 45 लोगों का नाम राजस्व विभाग की मिलीभगत से पट्टेदार के रूप में दर्ज कर दिया गया था। जब कुर्रा क्षेत्र में चकबंदी की प्रक्रिया प्रारंभ हुई तो उक्त मामले की परत दर परत खुलती नजर आई। राजस्व कर्मचारियों व चकबंदी विभाग के लोगों ने जमीन का जब मिलान शुरू किया तो यह भूमि पूर्व में तालाब के नाम दर्ज पाई गई। चकबंदी अधिकारी ने बताया कि सभी 45 पट्टेदारों के नाम खारिज कर दिए गए हैं। भूमि को राजस्व अभिलेखों में तालाब में अंकित करने का आदेश दिया गया है और भूमि पर पट्टेदारों को बेदखल करने के लिए राजस्व व पुलिस विभाग की टीम शीघ्र ही कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि पट्टेदारों को राजस्व व चकबंदी विभाग द्वारा कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि यह भूमि तालाब के नाम अंकित थी, जिसे उस समय रहे राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत से पहले बंजर दर्ज की गई, उसके बाद षड्यंत्र के तहत पट्टे कर दिए गए, जिन्हें खारिज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जब किए गए पट्टे के बारे में तहसील अभिलेखों को खंगाला गया तो पट्टे संबंधी कोई भी पत्रावली नहीं पाई गई। केवल खतौनी में नाम आ रहे थे। एक अन्य मामले में सहायक चकबंदी अधिकारी संतोष कुमार यादव द्वारा नगला भोज निवासी तिलकश्री पत्नी छक्कीलाल के खिलाफ ग्राम सभा का नाम खारिज कर धोखाधड़ी कर पट्टा अपने नाम दर्ज कराने का मामला 14 जनवरी 2021 को स्थानीय थाने में दर्ज किया गया था।

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