तंगी से लाचार पिता ने बेटी का शव लेने से किया इन्कार

संवादसूत्र ऊसराहार (इटावा) मुफलिसी में डूबे राजपाल ने बेटी राधिका के शव को देखा तो खुल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 06:37 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 06:37 PM (IST)
तंगी से लाचार पिता ने बेटी का शव लेने से किया इन्कार
तंगी से लाचार पिता ने बेटी का शव लेने से किया इन्कार

संवादसूत्र, ऊसराहार (इटावा): मुफलिसी में डूबे राजपाल ने बेटी राधिका के शव को देखा तो खुलकर रो भी न सका। पैसे की तंगी से बेटी का शव लेने से मना कर दिया। तब पोस्टमार्टम स्थल पर मौजूद कुलदीप के स्वजन द्वारा एंबुलेंस के भाड़े का इंतजाम करने पर वह अंत्येष्टि के लिए राधिका का शव गांव ले जा सका। राधिका और कुलदीप के शव रविवार की सुबह भगवंतपुर गांव में आम के पेड़ से एक ही दुपट्टे के दोनों छोर से लटके पाए गए थे।

पैसे की तंगी से राजपाल पांच घंटे बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंच सका था। बेबसी जताई कि जब उसके पास घर से इटावा आने के लिए पैसे नहीं थे तो वह कैसे पहुंचता। जब पोस्टमार्टम के बाद राधिका का शव उसको सौंपा जाने लगा तो उसने तंगहाली का वास्ता देकर शव लेने से मना कर दिया। बेबसी जता दी, इतने पैसे नहीं कि किराये की गाड़ी से बेटी के शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जा पाए। तब पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद कुलदीप के ताऊ आछेलाल की आंखें भर आईं। उन्होंने राजपाल को ढांढस बंधाया और एबुंलेंस के भाड़े के लिए 1800 रुपये अपनी जेब से दिए। इसके बाद राजपाल बेटी का शव अपने गांव भौंडा थाना कुर्रा जनपद मैनपुरी ले जा सके। पोस्टमार्टम हाउस में राजपाल की आंखों में अपनी बेटी के लिए प्यार तो साफ नजर आ रहा था, लेकिन तंगी की बेबसी खुलकर रोने नहीं दे रही थी।

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अधिकारियों को गुमराह करती रही सौरिख पुलिस

फांसी के फंदे पर मिलने के एक दिन शनिवार को कुलदीप व राधिका को सौरिख थाना क्षेत्र में शाम को देखा गया था। बताया जाता है सौरिख नांदेमऊ मार्ग पर स्थित एक ढाबे वाले ने दोनों को काफी देर चहलकदमी करते देख सौरिख पुलिस को काल करके सूचना दी थी। इस पर सौरिख थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और काफी देर तक दोनों से वहीं पूछताछ भी की। कहा तो यह जा रहा है कि दोनों ने मामा भांजी का रिश्ता बताया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। ऐसे में सवाल यह कि उसी समय रात लगभग नौ बजे कुलदीप अपने चाचा विश्राम सिंह को काल कर यह क्यों बताता है कि वह सौरिख थाने में है। वह कुछ बात कर पाता, उससे पहले ही वहां मौजूद कोई तीसरा व्यक्ति काल को काट देता है, जो यह भी कहता है कि लड़की के स्वजन को काल करने के लिए कहा था और उसने दूसरी जगह काल लगा दिया। सबसे बड़ा सवाल सौरिख पुलिस की कार्यशैली पर यह उठता है कि भले ही वह रिश्ते में मामा भांजी थे, तो पुलिस को एक बार स्वजन से जानकारी तो लेनी चाहिए थी। यदि पुलिस जरा भी सख्ती दिखाती तो शायद दोनों की जान बच जाती। इतना सब होने के बाद भी सौरिख पुलिस पूरे मामले में लड़का-लड़की मिलने की बात को नकारती रही। जब लड़का और लड़की के सौरिख क्षेत्र में एक दिन पहले होने की जानकारी एएसपी ग्रामीण ओमवीर सिंह को हुई तो उन्होंने थानाध्यक्ष सौरिख मदन गोपाल को काल कर जानकारी मांगी, लेकिन थानाध्यक्ष ने उन्हें भी गुमराह करते साफ कह दिया कि लड़का और लड़की को उनकी पुलिस ने नहीं पकड़ा। हालांकि मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी ने कुछ मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर भी लगवा दिया है, जिससे जांच में मदद मिल सके।

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किसी पक्ष ने नहीं दी तहरीर

कुलदीप और राधिका के शव का रविवार देर शाम अंतिम संस्कार कर दिया गया। सोमवार दोपहर तक दोनों में से किसी पक्ष ने तहरीर नहीं दी थी। ऊसराहार थानाध्यक्ष गंगादास गौतम ने बताया कि किसी भी पक्ष ने कोई तहरीर नहीं दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिग यानी फांसी से ही मौत होना बताया गया है।

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