प्रतिकूल प्रभाव वाली दवाओं की जांच जरूरी

संवाद सहयोगी सैफई उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के फार्माकोलाजी विभाग द्वारा फार्माकोविजिलेंस

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:29 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:57 PM (IST)
प्रतिकूल प्रभाव वाली दवाओं की जांच जरूरी
प्रतिकूल प्रभाव वाली दवाओं की जांच जरूरी

संवाद सहयोगी, सैफई : उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के फार्माकोलाजी विभाग द्वारा फार्माकोविजिलेंस सप्ताह पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. (डा.) रमाकांत यादव ने कहा कि फार्माकोविजिलेंस विषय चिकित्सा जगत के लिए महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह मरीज के स्वास्थ्य तथा जीवन से जुड़ा हुआ है। सही दवा जहां मरीज को ठीक कर सकती है, वहीं गलत दवा के कई प्रतिकूल प्रभाव सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव पर काफी अनुसंधान चल रहा है। व्यापक अनुसंधान द्वारा यह जानने की आवश्यकता है कि किन दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव हैं तथा किन-किन दवाओं को मरीजों को नहीं दिया जाना चाहिए। फार्माकोविजिलेंस संयोजक एवं फार्माकोलाजी विभाग की फैकेल्टी डा. आशा पाठक ने कहा कि दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के संबंध में विशेष जांच के लिए विश्वविद्यालय के ओपीडी के कमरा नंबर 40 में एडीआर सेल खोला गया गया है। यदि कोई मरीज या तीमारदार यहां आ पाने में समर्थ न हो तो वह एडीआर सेल के नंबर 05688-276131 या मोबाइल नंबर 9410646131 पर संपर्क कर दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव पर अपनी जानकारी दे सकता है। कोई व्यक्ति जो चिकित्सक के परामर्श पर दवा लेता है और उसे दवा लेने के दौरान असामान्य महसूस हो रहा है या उसके शरीर पर दवा का प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है, तो ऐसे में उसे नजदीकी फार्माकोविजिलेंस शाखा को सूचित करने की आवश्यकता है। चिकित्सा अधीक्षक डा. आदेश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय में फार्माकोविजिलेंस के लिए ओपीडी में एक सेल का गठन किया गया है। यहां कोई भी मरीज या उसका स्वजन जिसे चिकित्सक द्वारा दी गई किसी भी दवा से प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है, चिकित्सक के दिए पर्चे के साथ संपर्क कर सकता है।

क्या है फार्माकोविजिलेंस सप्ताह फार्माकोविजिलेंस सप्ताह में गलत दवा के प्रतिकूल प्रभाव सामने आने पर मरीजों की सुविधा के लिए दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के संबंध में विशेष जांच के लिए विश्वविद्यालय के ओपीडी कमरा नंबर 40 में एडीआर सेल खोला गया है जिसमें दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव की मरीज जानकारी देकर बता सकता है। चिकित्सक के पर्चे के साथ संपर्क किया जा सकता है। उसकी समस्या का निदान होगा।

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