डेंगू-वायरल फीवर में खानपान का रखें विशेष ध्यान
जागरण संवाददाता इटावा बदलते मौसम और संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपन
जागरण संवाददाता, इटावा : बदलते मौसम और संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के साथ-साथ संतुलित और पौष्टिक आहार का विशेष महत्व है। डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर से बचाव के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखें। यह कहना है जिला अस्पताल की आहार विशेषज्ञ डा. अर्चना सिंह का। उन्होंने बताया कि विटामिन सी से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें क्योंकि इनमें पोषक तत्वों के साथ-साथ एंटीबाडीज पर्याप्त मात्रा में होती हैं। नारियल का पानी शरीर में द्रव्य के स्तर को नियंत्रित करने के तरीकों में सर्वोत्तम है। खनिजों और इलेक्ट्रोलाइट्स का प्राकृतिक स्त्रोत है। इसी कारण डेंगू के रोगियों के लिए नारियल पानी बहुत ही महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है। अदरक का पानी बहुत फायदेमंद है। इससे बुखार में जी मिचलाने, सर्दी, जुखाम जैसी समस्या से निजात पाया जा सकता है। सूप और फलों का रस सूप हर बीमारी में फायदेमंद होता है। यह तेल मसाला रहित होता है। इसलिए पाचन शक्ति को बेहतर बनाते हुए पोषक तत्वों को आसानी से शरीर के अंदर पहुंचाने का काम करता है। फलों के रस, गाजर चुकंदर, खीरा, पत्तेदार सब्जियां, लौकी, कद्दू का सेवन करने से आवश्यक विटामिन और खनिज पदार्थ जो रूप की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं व रोगी को जल्द स्वस्थ करने में सहायक होते हैं। व्हीट ग्रास डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर में गेहूं की ताजा घास से बने जूस का सेवन करने से रोगी की प्लेटलेट्स को बढ़ाया जा सकता है। 150 एमएल जूस लेने से हालत में जल्दी सुधार होता है। गाय व बकरी का दूध डेंगू बुखार में अहम खतरा सेलेनियम व प्लेटलेट्स अकाउंट का होता है। गाय और बकरी के दूध में सेलेनियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिसका प्रयोग करने से बुखार में आराम मिलता है। पपीता के पत्ते पपीता के पत्तों का रस लगभग 10 एमएल ले सकते हैं। साथ ही कच्चे पपीते की सब्जी और रायता का भी प्रयोग कर सकते हैं।